लखनऊ। सुबह का भूला अगर शाम को घर वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते। की किवदंती को चरितार्थ करते हुए समाजवादी पार्टी ने तमाम आलोचनाएं झेलने के बाद आखिरकार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव को रविवार शाम स्टार प्रचारकों की सूची में जगह दे दी।
सपा महासचिव प्रो रामगोपाल यादव के हस्ताक्षर वाली पार्टी की स्टार प्रचारकों की एक सूची सुबह जारी हुई थी जिसमें मुलायम सिंह यादव का नाम नदारद था। सपा के इस सूची को लेकर भारतीय जनता पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी समेत तमाम विरोधी दलों ने तीखे प्रहार किए। शाम होते होते सपा की ओर से एक और सूची जारी की गई जिसमें सपा संरक्षक का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी ऊपर पहले स्थान पर था।
पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बावत यूनीवार्ता से कहा कि सुबह दिल्ली से जारी हुई सूची में तकनीकी त्रुटि के कारण मुलायम सिंह यादव का नाम छूट गया था जिसे बाद में जोड़ दिया गया।
मैनपुरी सीट से सपा प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर अपनी नाखुशी को सार्वजनिक कर चुके हैं। स्टार प्रचारकों की सूची में नाम हटने के बाद उनके निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ने के कयास लगाए जाने लगे थे। विपक्षी दलों ने सपा के इस कदम पर तीखे व्यंग बाण चलाए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि विडंबना देखिये, जिस पार्टी को खड़ा करने के लिए अपने भाई के साथ घर-घर टूटी चप्पल पहन कर प्रचार किया आज प्रचारकों की लिस्ट से उनके ही बेटे ने नाम काट दिया। संभवतः अपनी कमाई राजनैतिक पूंजी के बारे में वे सोचते होंगे- ‘पूत कपूत तो का धन संचय, पूत सपूत तो का धन संचय’।
प्रसपा संस्थापक और मुलायम के अनुज शिवपाल सिंह यादव ने शिकोहाबाद में कहा कि सपा ने हमेशा से ही नेताजी (मुलायम) की उपेक्षा की है, उन्हे अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि नेताजी उनके साथ है उनके आदेश पर ही पार्टी का गठन किया गया है। नेताजी मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। हम उनका पूरा समर्थन करेंगे।
इससे पहले स्टार प्रचारकों में अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव के अलावा रामगोपाल यादव, आजम खां, जया बच्चन, राजेन्द्र चौधरी, रामगोविंद चौधरी नरेश उत्तम पटेल, अहमद हसन और विशम्भर प्रसाद निषाद समेत पार्टी के 40 जाने माने चेहरों को जगह दी गई थी।
सपा और बसपा गठबंधन को लेकर नाखुशी और नरेन्द्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की ख्वाईश का इजहार करने वाले मुलायम को इस लिस्ट में स्थान नहीं दिया गया था। मुलायम सिंह यादव ने कुछ रोज पहले सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अखिलेश ने मुझसे पूछे बिना ही बसपा से गठबंधन कर लिया। आधी सीटें देने का आधार क्या है। अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं। हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है। मुलायम ने कहा कि हम सशक्त हैं, लेकिन हमारे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।
सपा संस्थापक ने 16वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुये कहा था कि मुझे आशा है कि सभी सदस्य जीतेंगे और वापस आएंगे और आप (मोदी) फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।
गठबंधन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सफाई देते हुए कहा था कि पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बसपा से रिश्ते कायम किए थे और वह उन रिश्तों को ठीक करना चाहते हैं। सपा संस्थापक के प्रति भाजपा के नेता उदार रवैया बनाए हुए है। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक सपा में उपेक्षा का दंश झेल रहे मुलायम सिंह यादव का पार्टी पूरा सम्मान करती है और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें मैनपुरी में भाजपा के विरोध का सामना करना नहीं पड़ सकता है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के प्रति समय समय पर सम्मान का इजहार करते रहे हैं। उन्होंने उन्हे पार्टी के सिंबल पर मनमाफिक सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी किया था और जब सपा संस्थापक के मैनपुरी से चुनाव लडने की घोषणा हुई तो प्रसपा ने वहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया।