नई दिल्ली। आयकर विभाग द्वारा जयपुर के एक समूह के परिसरों पर की गई छापामारी में 150 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी संपत्ति अर्जित करने का पता चलने के साथ ही 11 करोड़ रुपए की इसी तरह की संपत्ति भी जब्त की गई है।
विभाग ने आज जारी बयान में कहा कि गत तीन अगस्त को यह छापामारी की गई। यह कार्रवाई रत्न और आभूषण, आतिथ्य सत्कार तथा रियल एस्टेट व्यवसाय में शामिल है। यह तलाशी अभियान जयपुर और कोटा स्थित तीन दर्जन से अधिक परिसरों में चलाया गया। तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज तथा डिजिटल साक्ष्य पाए गए और उन्हें जब्त किया गया।
रियल एस्टेट व्यवसाय के जब्त साक्ष्यों के विश्लेषण से पता चलता है कि समूह ने आवासीय घरों और जमीन की बिक्री पर नकद स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी की है जो नियमित खाता-बही में दर्ज नहीं है। इसके अतिरिक्त तलाशी के दौरान रत्नों और आभूषणों की बिक्री से जुड़े सबूत भी मिले।
तलाशी में यह भी पता चला कि इस तरह अर्जित की गई बिना हिसाब-किताब की आय को भूमि, लक्जरी होटल के निर्माण में निवेश किया गया और इसका उपयोग नकद ऋण पोषण में भी किया गया है। जब्त किए गए साक्ष्यों में इन नकद ऋणों पर अर्जित ब्याज का विवरण होता है जिसे लेखा पुस्तकों में दर्ज नहीं किया गया।
प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि समूह ने 150 करोड़ से अधिक की बेहिसाबी आय अर्जित की है। तलाशी अभियान में अब तक 11 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त की गई है।