नई दिल्ली। आयकर विभाग ने तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक आध्यात्मिक गुरू द्वारा संचालित वैलनेस पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों और कंपनियों के 40 स्थानों पर छापेमारी की है जिसमें इस समूह के 500 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि 16 अक्टूबर को समूह के 40 परिसरों पर छापे मारी की कार्रवाई की गयी जो तीन दिनों तक चली। इस कार्रवाई के दौरान नकद राशि के साथ साथ 25 लाख डॉलर ( करीब 18 करोड़ रुपये) मूल्य की विदेशी मुद्राएं बरामद की गयी। 26 करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 88 किलोग्राम सोने चांदी के आभूषण , लगभग 5 करोड़ रुपये के 1271 कैरेट हीरे भी मिले। अब तक लगभग 93 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति बरामद हुयी है। समूह की अब तक 500 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है। जांच अभियान जारी है।
इस दौरान पता चला कि यह समूह भारत के साथ साथ चीन, अमेरिका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की कंपनियों में भी निवेश कर रखा है, जिन्हें भारत में चलाये जा रहे ‘वेनलेस’ पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी लोगों द्वारा भी भुगतान किया जाता रहा है। आयकर विभाग इस तरह निवेश से भारत में कर योग्य आय के विदेशी कंपनियों में जाने के मामले की जांच कर रहा है।
विभाग ने कहा कि यह समूह आंध्रप्रदेश के वरदइयापलेम में विभिन्न आवासीय परिसरों में ‘वेलनेस’ पाठ्यक्रम और दर्शनशास्त्र, अध्यात्म इत्यादि में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है। आध्यात्मिक गुरू ने 1980 में एकात्मकता के दर्शन के साथ इस समूह को स्थापित किया था जो अब रियल एस्टेट, निर्माण, खेल इत्यादि क्षेत्रों में भारत सहित विदेशों में भी कार्ररत है। इस समूह का प्रबंधन और नियंत्रण इस समूह के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु और उनके बेटे के नियंत्रण में है। अध्यात्म और सेहत से जुड़े इन पाठ्यक्रमों में विदेशी भी शामिल होते हैं, जिससे यह समूह बहुत अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
समूह को लेकर यह खुफिया जानकारी मिली थी कि समूह आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू में भू संपदा और विदेशी निवेश की जानकारियां छिपाता है। इस जानकारी के आधार पर आयकर विभाग का चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू, वरदइयापलेम में 40 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की।
विभाग को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनसे पता चलता है कि यह समूह विभिन्न केन्द्रों और आश्रमों में निवेश की रसीदों को छिपाता रहा है। समूह के नकद संग्रह का हिसाब रखने वाले एक कर्मचारी के पास से ऐसे सबूत भी मिले हैं, जिनसे यह खुलासा होता है कि यह समूह बिना किसी रसीद के निवेश करता है और संपत्तियों की खरीदारी करता है। यह समूह बिना किसी दस्तावेज़ के संपत्तियों की बिक्री कर धन अर्जित करता है। विभाग की टीम को समूह के संस्थापक और उसके बेटे के आवासों और उनके एक परिसर से बड़ी मात्रा में नकद राशि और अन्य मूल्यवान वस्तुएं मिली हैं। तलाशी में समूह के ठिकानों से आयकर विभाग ने 43.9 करोड़ रुपये बरामद किये हैं।