नई दिल्ली। महाराष्ट्र और गोवा स्थित एक समूह के खिलाफ तलाशी और जब्ती अभियान में अब तक कुल 175.5 करोड़ रुपए की बेनामी आय का पता चला है, जिसमें बेनामी नकदी और आभूषण, कम और अधिक स्टॉक और फर्जी खरीद शामिल है।
आयकर विभाग ने शनिवार को बताया कि पुणे, नासिक, अहमदनगर और गोवा का एक प्रमुख इस्पात निर्माता और व्यापारिक समूह है। इस छापेमारी अभियान में 44 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई। तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान, कई फर्जी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं।
तलाशी के दौरान मिले सबूतों से पता चला कि यह समूह विभिन्न ‘फर्जी चालान जारीकर्ताओं’ से स्क्रैप और स्पंज आयरन की फर्जी खरीद की बुकिंग की धोखाधड़ी में लिप्त था। तलाशी के दौरान फर्जी चालान जारी करने वालों के परिसरों की भी तलाशी ली गई। इन चालान जारीकर्ताओं ने स्वीकार किया है कि उन्होंने किसी सामग्री नहीं केवल बिल की आपूर्ति की है।
उन्होंने स्वीकार किया कि वास्तविक खरीद के रूप में दिखाने और जीएसटी इनपुट क्रेडिट का दावा करने के लिए नकली ई-वे बिल भी बनाए गए। पुणे के जीएसटी प्राधिकरण के सक्रिय सहयोग से नकली ई-वे बिलों की पहचान करने के लिए “व्हीकल मूवमेंट ट्रैकिंग ऐप” का उपयोग किया गया था। इन पार्टियों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक की गई कुल फर्जी खरीद लगभग 160 करोड़ रुपए है। इनका सत्यापन अभी जारी है और फर्जी खरीद की मात्रा में काफी अधिक वृद्धि होने की संभावना है।
इसके अलावा 3.5 करोड़ रुपए के माल की कमी और 4 करोड़ रुपए के अतिरिक्त स्टॉक के बारे में भी उन्होंने अपनी हामी भरी है। इससे समूह में लिप्त लोगों द्वारा संपत्ति में बेनामी निवेश का भी पता चला है। विभिन्न परिसरों से 3 करोड़ रुपए बेनामी नकदी, 5.20 करोड़ रूपए के जेवरात भी जब्त किए गए हैं।
1.34 करोड़ मूल्य की 194 किलोग्राम की बेहिसाब चांदी की वस्तुएं भी तलाशी के दौरान मिली हैं। इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों ने इन्हें अपनी अतिरिक्त आय के रूप में स्वीकार किया। तलाशी अभियान और जांच अभी भी जारी है।