वाराणसी । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीयों की दुनियाभर में बढ़ती नेतृत्व क्षमताओं को नए भारत की विकास यात्रा के लिए अहम बताते हुए सोमवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व किये गए ऐतिहासिक कार्यों के कारण भारतवंशियों से देश का रिश्त और गहरा हुआ है।
मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘नये भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों भूमिका’ विषय पर केंद्रित 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रथम दिन युवा प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि गत साढ़े चार वर्षो में दुनिया में भारत की स्थिति तेजी से मजूबत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत के बहुत से लोग शिक्षक, इंजीनियर, नर्स और अन्य साधारण कामों के लिए लिए विदेशों में गए थे, लेकिन अब वे समय पूरी तरह बदल रहा है। दुनियां की बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों के सीईओ से लेकर अनेक देशों की कानून एवं अर्थव्यवस्था में फैसले लेने वाली संस्थाओं का अहम हिस्सा बनने में कामयब हो रहे हैं। वे अनेक देशों की संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
बड़ालालपुर स्थित पंडित दीन दयाल हस्तकला संकुल में आयोजित सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण के अलावा युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर, नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी और न्यूजीलैंड के सांसद कमलजीत सिंह बख्शी ने भी अपने-अपने विचार रखे।
स्वराज ने भारत को युवाओं का देश बताते हुए कहा कि गत साढ़े चार वर्षो में मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। गुणवत्ता पूर्ण उच्च शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हैं। आईआईएम और आईआईटी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पढाई एवं शोध की बेहतरीन व्यवस्था हैं।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी के नतृत्व में उभरते भारत की तस्वीर साफ तौर पर दिखने लगी है। उनके मार्गदर्शन में करीब दो वर्षों में प्रदेश में निवेश का माहौल बना है। पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के प्राचीन शहर काशी के संस्कार जीवत रखते हुए साढ़े चार वर्षो में भौतिक विकास किया गया है। अब काशी का बदला स्वरुप दुनिया के साने आ गया है।
योगी ने प्रवासी भारतीयों को प्रयागराज के कुंभ में साढ़े चार सौ वर्ष बाद अक्षयवट और सरस्वती कूप खुलने की जानकारी देते हुए कहा कि 24 जनवरी को प्रवासियों को वहां ले जाने की व्यवस्था की गई है, वहां जाकर वे इस धार्मिक स्थल पर जरूर जाएं। उन्होंने कहा कि कुंभ में दुनिया भर से 15 करोड़ देशी-विदेशी श्रद्धालुओं के का अनुमान है। 70 देशों के राजदूतों ने अपने-अपने देश के झंडे कुंभ क्षेत्र में लगाये हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने 192 देशों को कुंभ में आमंत्रित किया है। कोशिश की गई है कि भारत के छह लाख गांवों के कोई न कई कुंभ में शामिल हो।
राठौर ने कहा कि भारत अपने काम से विश्व में पहचाना जाता है। प्रवासियों की काम की बदौलत ही भारत की पहचान पूरी दुनिया में हैं। प्रवासी युवाओं की हौसला आफजायी हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो कई देशों में भारतीय राजदूत काम करते हैं, लेकिन सबसे बड़े राजदूत प्रवासी भारतीय हैं। उन्होंने कहा, “भारत आप के अंदर है। आप भारत के सबसे बड़े राजदूत हैं।”
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में नये भारत के निर्माण के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं, जिससे यह विश्व में बड़ी ताकत के रुप में तेजी से उभर रहा है। उन्होंने, “इस विकास यात्रा में आप का साथ चाहिये।