विशाखापत्तनम। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम को वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपनी वनडे सीरीज़ बचाने के लिये बुधवार को यहां दूसरे मुकाबले में अपने गेंदबाज़ी संयोजन में व्यापक सुधार करने होंगे।
भारत को चेन्नई में खेले गये पहले वनडे में विंडीज़ के हाथों आठ विकेट से करारी शिकस्त मिली थी। भारतीय टीम ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुये 287 रन का मजबूत स्कोर बनाया था लेकिन भारतीय गेंदबाज़ इस स्कोर का बचाव नहीं कर सके थे और विंडीज़ ने 13 गेंदें शेष रहते ही 291 रन बनाकर मैच जीत लिया।
विंडीज़ टीम के लिये 22 साल के शिमरोन हेत्माएर जैसे युवा बल्लेबाज़ ने अनुभवी भारतीय गेंदबाज़ाें को हर दिशा में शॉट्स खेलकर परेशान किया और 139 रन की शतकीय पारी खेली जिसमें 11 चौके और 7 छक्के शामिल थे। वहीं शाई होप ने नाबाद 102 रन की पारी खेली। दूसरी ओर भारतीय गेंदबाज़ों ने काफी निराश किया और महंगे साबित हुये।
शिवम दुबे ने 7.5 ओवर में 68 रन की सबसे महंगी गेंदबाजी की और कोई विकेट नहीं निकाल सके। लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा 10 ओवर में 58 रन देकर कोई विकेट नहीं ले सके तथा चाइनामैन कुलदीप यादव को भी 45 रन पर कोई विकेट नहीं मिला।
भारतीय क्रिकेट टीम को ट्वंटी 20 सीरीज़ में भी वेस्टइंडीज़ से काफी चुनौती मिली थी, वहीं वनडे सीरीज़ में भी मेहमान टीम ने शानदार शुरूआत की है और 1-0 से बढ़त बना चुकी है। खुद कप्तान विराट ने भी पहले वनडे के बाद विंडीज़ के बल्लेबाज़ों की तारीफ की थी और माना था कि गेंदबाज़ों को उन्होंने हर क्षेत्र में हिट किया।
चेन्नई की पिच जहां धीमी थी वहीं एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में बड़े स्कोर का अनुमान है जहां बल्लेबाज़ों के लिये यह अधिक मददगार रह सकता है, ऐसे में भारतीय गेंदबाजी विभाग में पांचवें विशेषज्ञ गेंदबाजी विकल्प को जगह दी जा सकती है। कैरेबियाई बल्लेबाज़ आमतौर पर भारतीय मैदानों पर आक्रामकता के साथ खेलने में सक्षम रहते हैं इसलिये गेंदबाज़ों के प्रदर्शन पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
वेस्टइंडीज़ के शतकधारी होप और हेत्माएर ने पिछले मैच में तेज़ गेंदबाज़ों को भी सहजता के साथ खेला था। भारत यदि विशाखापत्तनम में पांचवां विशेषज्ञ गेंदबाज़ उतारता है तो तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर या लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को मौका मिल सकता है। हालांकि इस स्थिति में दो आॅलराउंडरों में से दुबे या जडेजा में किसी को बाहर बैठना पड़ सकता है।
स्टार ऑलराउंडर जडेजा के पास सभी विभागों का अच्छा अनुभव है और निचले क्रम पर वह मजबूत बल्लेबाज़ हैं। लेकिन यह भी देखा गया है कि जडेजा बल्लेबाज़ी पिचों पर काफी संघर्ष करते हैं जिससे चहल के अंतिम एकादश में जगह बनाने की स्थिति अधिक मजबूत लगती है।
बल्लेबाजी विभाग की बात करें तो भारत के पास मयंक अग्रवाल रिजर्व ओपनर हैं जिनके पास फिलहाल ओपनिंग में जगह बनाने का मौका नहीं है जो जगह फिलहाल लोकेश राहुल और रोहित शर्मा के पास है। हालांकि चेन्नई में यह ओपनिंग जोड़ी 21 रन ही जोड़ सकी थी जबकि राहुल मात्र 6 रन बना पाये थे। मध्यक्रम में टीम के पास मनीष पांडे है जो केदार जाधव को हटाकर ही अंतिम एकादश में जगह बना सकते हैं।
हालांकि जाधव ने चेन्नई में 40 रन की उपयोगी पारी खेली थी। वहीं इस मैच मे विकेटकीपर बल्लेबाज़ रिषभ पंत ने भी अपनी 71 रन की पारी से फार्म में वापसी के संकेत दिये थे जो पिछले काफी समय से अपने प्रदर्शन को लेकर निशाने पर हैं। बल्लेबाज़ी के लिये मददगार विशाखापत्तनम की पिच पर भारतीय बल्लेबाज़ों को भी बड़े स्कोर को ध्यान में रखकर आक्रामकता के साथ खेलना होगा।
दूसरी ओर वेस्टइंडीज़ निश्चित ही टी-20 सीरीज़ की गलती से सबक लेते हुये वनडे सीरीज़ कब्जाने के लिये करो या मरो के मुकाबले में पूरी मजबूती के साथ उतरेगा। पिछले मैच के प्रदर्शन के बाद उसका हौसला भी बढ़ा है और होप, हेत्माएर, सुनील अम्बरीश,रोस्टन चेज़ तथा कप्तान कीरोन पोलार्ड जैसे विध्वंसक बल्लेबाज़ों की मदद से वह पूरी आक्रामकता के साथ प्रदर्शन करेगी।
भारत के लिये जहां विंडीज़ के बल्लेबाज़ों के विकेट निकालना अब हम होगा वहीं यह भी ध्यान रखना होगा कि मेहमान टीम के पास शेल्डन कोट्रेल, अल्जारी जोसेफ जैसे गेंदबाज़ मौजूद हैं जिनका भारतीय ट्रैक पर अच्छा प्रदर्शन रहा है। कीमो पॉल एक अन्य बढ़िया तेज़ गेंदबाज़ हैं।