अजमेर। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी संदीप तंवर ने मंगलवार को सुबह से देर शाम तक चुनाव प्रचार में ताकत झोंके रखी। बुखार के चलते स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद वे देर शाम सर्द मौसम में भी तय समय पर हाथीखेडा गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनके स्वागत में पलक पांवडे बिछा दिए।
ग्रामीणों की ओर से मिले स्नेह से गदगद तंवर ने कहा कि मेरा इस क्षेत्र में आना सार्थक हो गया। इस जगह से न तो मेरा कोई रिश्ता रहा न मेरी किसी से जान पहचान है। इसके बावजूद जो प्यार मुझे मिला उसे कभी नहीं भुला सकता।
तंवर ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जिस तरह शहर से दूर इस गांव के वाशिंदों ने मुझ जैसे निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन और वोट देने का भरोसा दिलाया है उसकी लाज रखूंगा। उन्होंने कहा कि आज हर आम और खास वर्तमान शासन प्रणाली से उकता चुका है। चाहे स्थानीय समस्या हो या कोई सरकारी काम, इस सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है। राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी सत्ता सुख भोगने के लिए मतदाताओं को भरमाकर सिर्फ वोट हासिल करने की जुगत में हैं।
जनता असल पीडा न तो कोई समझ रहा है और न ही समझना चाहता है। युवा काम न मिलने से बेरोजगारी का दंश भोग रहे हैं। सरकारी योजनाएं सिर्फ फाइलों की शोभा बढा रही हैं। छोटा सा काम भी करवाना हो तो सरकारी कार्यालयों में चक्कर काटते काटते गरीब की चप्पल घिस जाती है। जनप्रतिनिधि के पास जनता जाती है तो वे काम करने की बजाय काम न करने के सैकडों बहाने गिनाने लग जाते हैं। थक हार कर जरूरतमंद खुद को भगवान भरोसे छोड देता है।
वक्त बदलाव का है, वोट ऐसी ताकत है जिससे जरिए नाकारा सरकार और उसके प्रत्याशियों को हम सबक सिख सकते हैं। मैं कोई राजनेता नहीं बल्कि आम आदमी हूं। जो आपकी समस्या है वहीं मेरी समस्या है। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वे हार हाल में उनके साथ हैं और सदैव रहेंगे। चुनाव तो हार जीत का खेल हैं। लेकिन हाथीखेडा गांव अब मेरा अपना परिवार का हिस्सा बन गया है।
इस अवसर पर ग्रामीणों में अपनी पीडा बयां करते हुए कहा कि हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टी के नेता आते हैं और उनके कहने पर हम भरोसा करके वोट उन्हें दे देते थे। बाद में शहर से सटे इस गांव की सुध लेने कोई लौटकर नहीं आता। इसलिए सभी ने एकराय होकर निर्दलीय को वोट देना तय किया है। ग्रामीणों ने मालाएं पहनाकर तथा साफा बांधकर संदीप तंवर का जोर दार स्वागत किया।
इस मौके पर चैन सिंह रावत, बलबीर सिंह रावत, अर्जुन सिंह, नानू सिंह रावत, वार्ड मेंबर शंकर सिंह रावत, सूरज सिंह रावत, आजाद सिंह रावत, रणजीत सिंह रावत समेत बडी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।