Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Independent candidates poor result in past Rajasthan Lok Sabha elections-राजस्थान में लोकसभा चुनाव में निर्दलियों की नहीं चलती - Sabguru News
होम Headlines राजस्थान में लोकसभा चुनाव में निर्दलियों की नहीं चलती

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में निर्दलियों की नहीं चलती

0
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में निर्दलियों की नहीं चलती

जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनावों में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भले ही मैदान में उतरते हों लेकिन मतदाता उन्हें ज्यादा तवज्जों नहीं देते, यहां तक कि बूटा सिंह और जसवंत सिंह जैसे दिग्गज भी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव नहीं जीत पाए।

राज्य में पिछले सोलह लोकसभा चुनावों में ग्यारह संसदीय क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशियों का आज तक खाता भी नहीं खुला है। अब तक के चुनावी इतिहास पर नजर डाली जाये तो राज्य में 1951 से 1971 तक हुए पांच चुनावों में सोलह निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते तो 2009 में केवल एक उम्मीदवार ही चुनाव जीत सका।

झुंझुनूं, टोंक-सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा, गंगानगर, चुरु, सीकर तथा चित्तौड़गढ, अजमेर, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा एवं झालावाड़ क्षेत्र में कोई निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव नहीं जीता है।

केंद्र में गृह मंत्री रहे बूटा सिंह ने जालोर से वर्ष 1984, 1991, 1998 एवं 1999 में कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चार बार लोकसभा चुनाव जीता लेकिन इसके बाद के चुनाव में वह भाजपा प्रत्याशी बी सुशीला से चुनाव हार गये। वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन वह चुनाव नहीं जीत पाए।

उन्होंने 2014 में भी निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन वह दोनों बार भाजपा उम्मीदवार देवजी एम पटेल से चुनाव हार गये। इसी तरह विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह भी भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

राज्य में बीस सीटों पर हुए पहले लोकसभा चुनाव में छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतकर अपना दबदबा दिखाया लेकिन इसके बाद वे अपने राजनीतिक प्रभुत्व को बढ़ा नहीं सके और बाद के चुनावों में उनकी संख्या कम होती चली गई।

पहले लोकसभा चुनाव बीकानेर से पू्र्व महाराजा करणी सिंह, नागौर से जीडी सोमानी, पाली से जनरल अजीत सिंह, जोधपुर से जसवंतराज मेहता एवं भरतपुर से गिरराज सरन सिंह तथा बाड़मेर-जालोर से भवानी सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

वर्ष 1957 में राज्य की बाइस सीटों पर हुए दूसरी लोकसभा के चुनाव में बीकानेर से करणी सिंह, बाड़मेर से रघुनाथ सिंह बहादुर एवं जयपुर से हरश चंद्र शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव जीता जबकि इसके अगले चुनाव में बीकानेर से करणी सिंह, जोधपुर से एम एम सिंघवी, तथा अलवर से कांशीराम गुप्ता निर्दलीय उम्मीदवार के रुप चुनाव जीतने वालों में शामिल हैं।

वर्ष 1967 में तेईस सीटों पर हुए चौथी लोकसभा चुनाव में केवल दो ही निर्दलीय चुनाव जीत सके जिनमें बीकानेर से करणी सिंह एवं भरतपुर से बृजेन्द्र सिंह शामिल हैं। वर्ष 1971 में पांचवीं लोकसभा के चुनाव में भी दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव जीता जिनमें जोधपुर से पूर्व महारानी कृष्णा कुमारी तथा बीकानेर से करणी सिंह का नाम शामिल है।

इस दौरान बीकानेर से करणी सिंह ने लगातार पांच चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया। उसके बाद से सिर्फ 2009 में हुए पन्द्रहवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा छोड़कर आये किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव जीता।