बेंगलूरु। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि एयरो इंडिया का 13वां संस्करण रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत बनाने के साथ भारत को दुनिया के समक्ष इस क्षेत्र के निर्माता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
कोविंद ने यहां एयरो इंडिया 2021 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह सबसे बड़े आयोजनों में से एक था, जो कोरोना महामारी द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों के बावजूद हाइब्रिड तरीके से आयोजित किया गया।
उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया 2021 एक अभूतपूर्व सफलता रही है। मुझे बताया गया है कि 43 देशों के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और 530 कंपनियों ने इसमें भाग लिया। इसके अलावा दुनिया भर के कई देश और कंपनियां वर्चुअल तरीके से इससे जुड़ीं। यह हाइब्रिड प्रारूप में होने वाला इस तरह का दुनिया का पहला मेगा इवेंट है।
उन्होंने कहा कि पिछला वर्ष कोविड -19 के कारण अभूतपूर्व कठिनाइयों का समय रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव विश्व के सभी क्षेत्रों में महसूस किया गया। मुझे खुशी है कि महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद एयरो इंडिया 2021 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एयरो इंडिया 2021 वैश्विक स्तर पर रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में भारत की बढ़ती ताकत का एक पुख्ता प्रमाण है। इस आयोजन ने दिखा दिया है कि भारत की क्षमताओं में वैश्विक आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भारतीय वायु सेना के 83 तेजस विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपए से अधिक का ऑर्डर मिला है।
उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भरता और निर्यात संवर्धन के दोहरे उद्देश्यों के साथ रक्षा क्षेत्र में भारत को शीर्ष देशों में रखने के उद्देश्य से कई नीतिगत पहल की हैं। पिछले छह वर्षों में भारत में शुरू किए गए सुधार, निवेशकों और निजी कंपनियों को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में अभूतपूर्व अवसर प्रदान करते हैं। हमारी दृष्टि प्रतिस्पर्धी आपूर्ति श्रृंखलाओं को विकसित करने और उन्हें विश्व स्तर पर एकीकृत करने के साथ एक मजबूत अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।