सबगुरु न्यूज। कोरोना महामारी को लेकर दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उनके ही देश अमेरिका में भारी विरोध किया जा रहा है। अपने देश में ऐसी तबाही के लिए डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर दबाव बना रहे थे। अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर अमेरिकी राष्ट्रपति का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से अपनी फजीहत करवा ली है, मामला कुछ इस प्रकार है। भारत और चीन के बीच पिछले 10 दिनों से ले लद्दाख और सिक्किम की सीमा पर विवाद चल रहा है जब दोनों देशों ने अपनी अपनी सीमाओं पर सेनाओं को बढ़ाना शुरू किया तब हालात युद्ध जैसे बन रहे थे। उसी समय अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोचा कि मैं इसमें मध्यस्था कर सकता हूं।
इसी इरादे से सबसे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से कहा कि मैं चीन और आपके बीच में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हूं। लेकिन भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि हम दोनों देश आपसी मिल बैठकर बातचीत के जरिए ही मामला सुलझा लेंगे। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से कहा कि मैं भारत और आपके बीच में मध्यस्था करने के लिए तैयार हूं। चीन ने भी वही जवाब दिया जो भारत ने दिया था। अच्छा होता अमेरिकी राष्ट्रपति भारत और चीन के बीच तनातनी को लेकर तटस्थ की भूमिका में नजर आते। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति हैं कहां मानने वाले हैं, सभी देशों की दखलअंदाजी करने में मानो उनको कुछ मजा आता है। लेकिन इस बार उनका यह मध्यस्थता वाला दांव कुछ ज्यादा ही गलत साबित हुआ है।
चीन ने कहा, हम भारत साथ बातचीत से सुलझा लेंगे आपसी मामला
भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन ने कहा है कि किसी तीसरे देश की कोई जरूरत नहीं है हम पड़ोसी हैं आपसी विवाद स्वयं ही सुलझा लेंगे। चीनी की ओर से कहा गया है कि भारत और चीन आपस में किसी भी विवाद को हल कर सकते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत और चीन किसी भी आपसी विवाद को बातचीत के दम पर हल कर सकते हैं। ऐसे में किसी तीसरे देश की इस विवाद में जरूरत नहीं है।
इसी विवाद को सुलझाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्ताव दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ट्वीट किया था कि भारत और चीन अगर चाहें तो अमेरिका दोनों के बॉर्डर विवाद को खत्म करवा सकता है और आपसी सुलह करवा सकता है। इसके अलावा हाल ही में ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी चीन से जारी विवाद पर अच्छे मूड में नहीं हैं। भारत ने कहा कि वह अपने द्विपक्षीय मसले को खुद ही चीन के साथ सुलझा सकता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन आपसी बातचीत से इसका हल निकाल रहे हैं।
सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर चीन और भारत आ गए हैं आमने-सामने
भारत का पड़ोसी चीन में ऐसा देश है जो कि वर्ष 1962 से लगातार भारत को परेशान करता रहा है लेकिन अब हालात ऐसे नहीं है जैसा कि चीन समझता है। लेकिन चीन हमें पुराने भारत के ही रूप में अभी तक देखने की भूल कर रहा है वह यह नहीं जानता है कि अब भारत एक नया देश है जो कि हर मामले में सक्षम है। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम या लेह लद्दाख में चीन लगातार भारत की सीमा पर घुसपैठ करता रहा है। अब चीन के साथ नया ताजा विवाद इस प्रकार है।
मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। चीन की ओर से पहले यहां घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई और हाथापाई तक नौबत पहुंच गई। इसके अलावा चीन की ओर से लद्दाख के पास सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 5000 के करीब कर दी गई, साथ ही बेस बनाने की खबरें भी आईं। तभी से दोनों देशों में तनाव जारी है, जवाब में भारत ने अभी लद्दाख में सैनिकों की संख्या को बढ़ाया है और कदम पीछे ना हटने की बात कही है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार