नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र के मनावाधिकार परिषद में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर में कथित रूप से मानवाधिकार उल्लंघन के मसले पर पाकिस्तान आज अपना पक्ष रखेगा । पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए भारत ने भी भरपूर तैयारी की है । मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर दोनों देशों ने एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की है। सोमवार से शुरू हुए सत्र में 27 सितंबर तक कई सेशन हैं। इस परिषद के 47 देश सदस्य हैं जिनमें भारत, पाकिस्तान के साथ चीन भी शामिल है। काउंसिल के सदस्यों का सीट वितरण भौगोलिक आधार पर किया गया है।
जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर UNHRC में भारत और पाक एक-दूसरे के तर्कों को खारिज करने का प्रयास करेंगे। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार के हनन पर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए पूरा जोर लगाएगा। प्रदेश से आर्टिकल 370 खत्म करने के भारत सरकार के फैसले को पाकिस्तान यूएनएचआरसी में प्रदेश में मानवाधिकार हनन के तौर पर पेश करने की कोशिश में है। पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को इस मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान के कथित मानवाधिकार हनन प्रस्ताव को रद्द करने के लिए भारत को यूएमनएचआरसी में 47 सदस्य देशों में अधिकतम के समर्थन की जरूरत होगी।
भारत को कई अफ्रीकी, लातिन अमेरिकी और एशियाई देशों ने समर्थन का भरोसा दिया है। भारत को यह सुनिश्चत करना होगा कि यह समर्थन वोटों में भी तब्दील हो। जिन देशों ने समर्थन का भरोसा दिया है वो देश कश्मीर मुद्दे पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित न रहें और भारत के पक्ष में वोट करें, यह जरूरी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी यूएन जनरल असेंबली में कश्मीर के मुद्दे पर 27 सितंबर को संबोधित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भी उसी दिन प्रस्तावित है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सेशन की शुरुआत में मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशालेट ने जो कहा, उसे भारत के पक्ष में नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर पर भारत सरकार के हालिया ऐक्शन को लेकर और कश्मीरी लोगों के मानवाधिकार को लेकर मैं बहुत अधिक चिंतित हूं। सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए उनमें इंटरनेट कम्युनिकेशन पर प्रतिबंध, शांतिपूर्ण तरीके से लोगों के जमा होने और स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया जाना शामिल है।’ बाशालेट ने असम में एनआरसी के मुद्दे का भी जिक्र किया और कहा कि इसके कारण क्षेत्र में बहुत अधिक तनाव और अस्थिरता उत्पन्न हो गई है।
भारत के लिए यह मंच पाकिस्तान को आईना दिखाने के लिए एक बड़ा मौका भी है। ईशनिंदा के कारण पाकिस्तान में लोगों को यातना दी जा रही है, इस मुद्दे को भारत प्रमुखता से उठा लकता है। इसके साथ ही भारत की ओर से जारी बयान में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।