Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
India becomes the world fifth largest economy - Sabguru News
होम Business ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत बना विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था

ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत बना विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था

0
ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत बना विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
India becomes the world fifth largest economy
India becomes the world fifth largest economy

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पिछले कई वर्ष के निचले स्तर पर गिर जाने से विपक्ष के निशाने पर आई नरेंद्र मोदी सरकार के लिए अमेरिका के खोजी संस्थान वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट खुशखबरी लाई है और भारत ने ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे धकेलते हुए विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया है।

वर्ष 2019 के लिए इस रिपोर्ट में भारत का सकल घरेलू उत्पाद(GDP) 29 खरब 40 अरब डालर के बराबर हो गया है जो ब्रिटेन से एक खरब और फ्रांस से दो खरब डालर से अधिक है। भारत इस मामले में ब्रिटेन की 28 खरब 30 अरब डालर और फ्रांस की 27 खरब 10 अरब डालर से आगे निकल गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर भारत की जीडीपी 10510 अरब डालर के बराबर है जो जापान और जर्मनी से भी अधिक है।

गौरतलब है कि है कि मोदी ने 2024 तक भारत को 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लिहाज से यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री के इस सपने को पूरा करने की दिशा में अहम नजर आ रही है ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक उदारीकरण का श्रीगणेश 1990 के दशक में शुरु हुआ और इसके बाद अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए आर्थिक सुधार की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए जिनमें विदेशी व्यापार और निवेश पर नियंत्रण कम करना, उद्योगों पर नियंत्रण कम करना, सार्वजिनक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण करना आदि शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आत्मनिर्भर बनने की अपनी पहले की नीति से अब आगे बढ़ गया है और खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्था के रुप में तेजी से सामने आया है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) ने वर्ष 2018 के अंत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2019 में ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था ब्रिटेन के आर्थिक रुतबे में कमी आने की वजह विश्व उत्पादन में उभरते बाजारों की बढ़ती पकड़ है ।