नई दिल्ली। भारत ने आज साफ किया कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना अभी पूरी तरह से नहीं हटी है। भारत ने चीन से पुन: आग्रह किया कि चीनी पक्ष दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति का सम्मान करते हुए सेना को जल्द से जल्द पीछे हटाने और सीमा पर शांति एवं स्थिरता बहाल करने में गंभीरता से काम करे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि भारत चीन सीमा पर कार्य प्रणाली की 17 जुलाई को हुई बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जल्द से जल्द पूर्ण रूप से हटने तथा द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल के अनुरूप सीमा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम करने की सहमति बनी थी और माना गया था कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए यह आवश्यक है। पांच जुलाई को विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत में यही सहमति कायम हुई थी।
चीन की ओर कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीनी सैनिक लद्दाख में पूरी तरह से पीछे हट गये हैं। इस बारे में एक सवाल पर श्रीवास्तव ने कहा कि सेनाओं के पीछे हटने के मामले में कुछ प्रगति हुई है लेकिन यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। निकट भविष्य में दोनों ओर से वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक में इस बारे में आगे के कदम तय किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति एवं स्थिरता बरकरार रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है। इसलिए हम अपेक्षा करते हैं कि चीनी पक्ष विशेष प्रतिनिधियों की सहमति के अनुरूप हमारे साथ गंभीरतापूर्वक सेना काे पूरी तरह से हटाने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता स्थापित करने के लिए मिल कर काम करेंगे।