नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कई वर्षाें तक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के तहत आने का विरोध करने के बाद आखिर अब अपने क्रिकेटरों के डोप टेस्ट के लिए तैयार हो गया है।
बीसीसीआई ने सहमति जता दी है कि वह राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के तहत अपने क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराएगा। यह फैसला बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी राहुल जौहरी और महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम की खेल सचिव राधे श्याम झुलानिया और नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल के साथ शुक्रवार को बैठक के बाद आया।
जौहरी ने बैठक के बाद कहा कि हमें कानून का पालन करना होगा और बीसीसीआई मौजूदा कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम दोनों ने जिस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं उसका सीधा मतलब है कि हमने नाडा के कानून को स्वीकार कर लिया है।
यह पूछने पर कि बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति के पास क्या निर्वाचित संस्था की अनुपस्थिति में ऐसा फैसला करने का अधिकार है, जौहरी ने कहा कि किसी के लिए भी कानून मौजूद है और इसलिए आप और मैं इस बात का फैसला नहीं कर सकते कि कौन कानून का पालन करेगा।
बीसीसीआई ने अपने क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराने के लिए लगातार नाडा का विरोध किया था, लेकिन हाल में युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ के डोप टेस्ट में पकड़े जाने और उनपर आठ महीने का प्रतिबंध लगने के बाद यह बात फिर से मुखर हो गई थी कि बीसीसीआई को नाडा के तहत आना ही होगा।
जाैहरी ने कहा कि बीसीसीआई ने इस मामले में अपनी ओर से कई चिंताएं उठाई थीं लेकिन खेल मंत्रालय के इन चिंताओं का निराकरण करने के आश्वासन के बाद क्रिकेट बोर्ड नाडा के तहत आने को तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने कई चिंताएं उठाईं और उन्हें क्रमवार तरीके से मंत्रालय के सामने रखा और वे इन सभी चिंताओं का हल निकालने के लिए तैयार हो गईं।
बीसीसीआई की सबसे बड़ी चिंता खिलाड़ियों के पता ठिकाने नियम को लेकर थी जिसमें क्रिकेटर का प्रतियोगिता से बाहर टेस्ट किया जा सकता है। इस नियम को खिलाड़ियों की निजता का उल्लंघन माना जा रहा था और साथ ही हाई प्रोफाइल क्रिकेटरों की सुरक्षा को संभावित खतरे के तौर पर देखा जा रहा था।
इस नियम के तहत हर खिलाड़ी को एक घोषणा पत्र में एक साल में तीन निर्धारित तारीखों को बताना था जब वे प्रतिस्पर्धा में हिस्सा न ले रहे हों और नमूने एकत्र करने को लेकर नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारी को उपलब्ध हों।
यदि कोई एथलीट इन सभी तारीखों पर उपस्थित होने में विफल रहता है तो वह विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के उल्लंघन पर प्रतिबंधित हो सकता है। ऐसे ही एक उल्लंघन पर वेस्टइंडीज़ के आंद्रे रसेल को एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
खेल सचिव झुलानिया ने कहा कि बीसीसीआई ने हमारे सामने डोप टेस्ट की गुणवत्ता, पैथोलॉजिस्ट की सक्षमता और नमूने एकत्र करने जैसे तीन मुद्दे उठाए थे, हमने उन्हें पूरा आश्वासन दिया है कि जो सुविधा वह चाहते हैं वह उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शुल्क देना पड़ेगा। ऊंचे स्तर की सुविधा सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए एक बराबर है और बीसीसीआई कोई अपवाद नहीं है। उन्हें कानून को मानना होगा।
बीसीसीआई ने ऊंचे स्तर के टेस्ट तरीकों के खर्चाें में जो आने वाला अंतर है उसे वहन करने की बात स्वीकार की है। जौहरी ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है और यदि खर्चाें में कोई अंतर आता है तो बीसीसीआई उसका भुगतान करेगा।