कोलकाता। भारत में अब तक कोरोना वैक्सीन की 150 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं और इस तरह भारत ने टीकाकरण अभियान में एक और मील के पत्थर को हासिल कर लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह देश के नए आत्मविश्वास, गर्व और आत्मनिर्भरता का परिचायक है। मोदी ने नयी दिल्ली स्थित चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल के पहले महीने के पहले सप्ताह में ही भारत ने वैक्सीन के क्षेत्र में एक और मील के पत्थर के हासिल कर लिया है और देश की इस उपलब्धि का मतलब यह है कि देश को 150 करोड़ टीकाकरण पूरा करने में एक साल से भी कम समय लगा है।
मोदी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह देश की इच्छा शक्ति का प्रतीक है। यह देश के नए आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत और गौरव को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे टीकाकरण की यह उपलब्धि अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। गौरतलब है कि देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से हुई थी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, डॉ. सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और निसिथ प्रमाणिक उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मोदी ने कोलकाता में चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इससे पश्चिम बंगाल के लोगों, विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। लोगों की देखभाल करने के रास्ते यह एक लंबा सफर तय करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संकल्प की यात्रा में हमने एक और मजबूत कदम उठाया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने साल की शुरुआत 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण के साथ की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की पहली डोज दी जा चुकी है और अब महज पांच दिनों के अंदर ही 1.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।
उन्होंने इस उपलब्धि को पूरे देश और हर सरकार को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों, वैक्सीन निर्माताओं और स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को कोरोना वैक्सीन की करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी हैं। राज्य को 1,500 से अधिक वेंटिलेटर, नौ हजार से अधिक नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही 49 नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स भी काम करने लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में हेल्थ सेक्टर को बदलने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
इस बीच, प्रधानमंत्री ने कैंसर के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के सामने आने वाले वित्तीय संकट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गरीबों को बीमारी के दुष्चक्र से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ उपचार के लिए निरंतर कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी आई है। आठ हजार से अधिक जन औषधि केंद्र बहुत सस्ती दरों पर दवाएं और शल्य चिकित्सा प्रदान कर रहे हैं। इन स्टोर्स में 50 से ज्यादा कैंसर की दवाएं काफी कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मरीजों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है और 500 से ज्यादा दवाओं के प्राइस रेगुलेशन से सालाना 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हो रही है। कोरोनरी स्टेंट की कीमतों को नियंत्रित करने से हृदय रोगी हर साल 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की बचत कर रहे हैं, जबकि घुटने के प्रत्यारोपण की कम लागत वरिष्ठ नागरिकों की मदद कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत 12 लाख गरीब मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस की भी सुविधा मिली है।