नई दिल्ली/अजमेर। भारत ने अजमेर में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में आने के लिए पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं देने के अपने निर्णय को उचित ठहराते हुए सोमवार को कहा कि इस तरह के यात्रा दस्तावेज नहीं देने के मामले पहले भी हुए हैं और ऐसा दोनों देशों की ओर से हुआ है।
सरकारी सूत्रों ने कहा है कि इस तरह की यात्राओं के लिए वीजा उचित प्रक्रिया के बाद ही दिया जाता है हालांकि कभी कभी परिस्थितियों के मद्देनजर और सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलने के कारण इस तरह की यात्रा हो भी नहीं पाती। पहले भी ऐसा हुआ है जब दोनों ओर से इस तरह की यात्राओं की अनुमति नहीं मिली।
चांद दिखने पर अजमेर में 806वें उर्स की रस्में शुरु
दोनों देशों के बीच एक दूसरे के राजनयिकों के साथ दुर्व्यहार के आरोपों के बीच पाकिस्तान ने कहा है कि उसके 500 नागरिकों को उर्स में अजमेर जाने के लिए वीजा नहीं दिया गया है।
अजमेर दरगाह पर पीएम मोदी की ओर से चादर पेश
बतादें कि इससे पहले सोमवार को अजमेर में पीएम मोदी की ओर से दरगाह में चादर पेश करने आए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी वर्तमान उर्स में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की चादर एवं जायरीन का जत्था नहीं आने के सवाल पर कहा कि हमारा वहां की आवाम से कोई दुराव नहीं है। लेकिन वहां की हुकूमत समय समय पर जिस तरह से आतंकवाद को संरक्षण दे रही है, यह निश्चित रूप से दुख की बात है।
अटल बिहारी वाजपेयी की तरफ से अजमेर दरगाह में चादर पेश
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें सालाना उर्स के मौके पर सोमवार को यहां उनकी दरगाह में मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए गए।
वाजपेयी की तरफ से चादर लेकर आए उनके निजी सचिव शिवप्रकाश पारीख के पुत्र महेश पारीख ने ख्वाजा साहब की दरगाह में चादर पेश कर वाजपेयी की ओर से अमन चैन, खुशहाली की कामना की। उन्होंने वाजपेयी के जल्द स्वस्थ होने की दुआ भी की।
खादिम सैयद अब्दुल बारी चिश्ती ने चादर पेश कराई तथा दस्तारबंदी कर तवर्रूक भेंट किया गया। वाजपेयी की चादर के साथ स्थानीय भाजपा के लोग भी मौजूद थे।
वाजपेयी की तरफ से उनके प्रधानमंत्री रहते समय से गरीब नवाज के दरबार में चादर चढ़ाने का सिलसिला उनके अस्वस्थ रहने के बावजूद भी प्रतिवर्ष जारी है।