
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SABGURU NEWS | नयी दिल्ली देश पर्यावरण की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय रैकिंग में पिछले दो वर्षाें में 36 पायदान फिसलकर नीचे से तीसरे स्थान पर आ गया है। पर्यावरण की वैश्विक सूची में भारत नीचे से तीसरे नंबर पर।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि पर्यावरण सम्बन्धी प्रदर्शन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय सूचकांक में भारत 180 देशों की सूची में 2016 में 141वें स्थान पर था और 2018 में 36 स्थान नीचे खिसककर 177 पर आ गया है।
श्री शर्मा ने बताया कि येल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एनवायरनामेंटल ला ऐंड पॉलिसी और कोलंबिया विश्वविद्यालय ने विश्व आर्थिक मंच और यूरोपीय संघ के संयुक्त शोध केंद्र के साथ सहयोग करके ‘पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक-2018’ शीर्षक से रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में 180 देशों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में वैश्विक पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में भारत 2016 में 141 पायदान पर था लेकिन 2018 में यह 177 पर आ गया।
श्री शर्मा का कहना था कि 2016 में पर्यावरण का आँकलन करने के लिए 2016 में नौ विषयों और 20 संकेतकों को आधार बनाया गया था जबकि 2018 में 10 विषयों और 24 संकेतकों पर विचार किया गया। वर्ष 2018 में पर्यावरण की सेहत को 40 प्रतिशत तथा पारस्थितिकीय जीवंतता को 60 प्रतिशत का भारांश दिया गया। उन्होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत के नीचे आने का कारण यह है कि पारस्थितिकीय जीवंतता को ज्यादा भारांश दिया गया है।
उन्होंने पर्यावरण में सुधार के लिए सरकार की ओर से उठाये गये कदमाें की जानकारी देते हुये बताया कि ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धंधाें ये 17 श्रेणी के उत्सर्जकों, गंगा पर 44 आैर यमुना पर दो निगरानी केंद्रों द्वारा पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने और 61 शहरों की हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए 100 केंद्र बनाये गये हैं।