देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से अब दुनिया ने भी अफसोस जाहिर करना शुरू कर दिया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि भारत की GDP ग्रोथ रेट उम्मीद से कहीं कम है। आईएमएफ ने चिंता जाहिर करते हुए कि कॉरपोरेट और पर्यावरण से जुड़ी नियामक संस्थाओं की अनिश्चितता, कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है।
चीन से आगे भारत
हांलाकि IMF ने यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती के बावजूद चीन से विकास के मामले में भारत आगे रहेगा और दुनिया की सबसे तेज विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा। लेकिन भारत का आर्थिक विकास उम्मीद से काफी कम है, ऐसा मुख्य रूप से नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से जुड़े खतरों की वजह से है।
आपको जानकारी में बता दें कि IMF ने जुलाई में 2019-20 के लिए धीमे विकास दर का अनुमान लगाया था। IMF ने कहा था कि इन दोनों सालों में भारत की आर्थिक विकास दर में 0.3 प्रतिशत गिरावट होगी और 2019 में भारत की विकास दर 7 प्रतिशत और 2020 में 7.2 प्रतिशत रहेगी।
भारत की GDP वृद्धि दर 5 प्रतिशत
असर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई।