नई दिल्ली। भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा में अधिक योगदान देने वाले एक कदम के तहत सोमवार को श्रीलंका को डोर्नियर मैरीटाइम टोही विमान उपहार में दिया। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक कटुनायके स्थित एयर फ़ोर्स बेस में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में यह डोर्नियर मैरीटाइम टोही विमान दिया गया।
बयान में कहा गया है कि विमान देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा। भारत में करीब चार महीने तक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले श्रीलंका की नौसेना और वायु सेना के कर्मी इस विमान का संचालन करेंगे तथा उन्हें अपने भारतीय समकक्षों से भी परिचालन सहायता प्राप्त होगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विमान एक बल गुणक के रूप में कार्य करेगा, जिससे श्रीलंका अपने तटीय जल में मानव और मादक पदार्थों की तस्करी तथा अपराध के अन्य संगठित रूपों जैसी कई चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा। श्रीलंका की समुद्री सुरक्षा के लिए वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए विमान को समय पर शामिल करना है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐतिहासिक कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के जश्न के साथ हुआ। खोज और बचाव कार्यों को करने के लिए विमान की क्षमता लोगों को इसके प्रत्यक्ष लाभ का उदाहरण देती है। गौरतलब है कि समुद्री सुरक्षा को कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में पहचाना गया है।
इस अवसर पर उच्चायुक्त गोपाल बागले ने जोर देकर कहा कि विमान को शामिल करने से भारत और श्रीलंका के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डोर्नियर विमान का उपहार रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में दो समुद्री पड़ोसियों के बीच सहयोग को रेखांकित करता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के सहयोग की परिकल्पना श्रीलंका में और सामर्थ्य और क्षमता जोड़ने के लिए की गई है तथा यह क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा व विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
इस अवसर पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, उच्चायुक्त गोपाल बागले, राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सगला रत्नायक, रक्षा महासचिव कमल गुणरत्ने, भारतीय नौसेना के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा और श्रीलंका के तीन सेवा प्रमुख मौजूद रहे।