SABGURU NEWS | श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार टीबी को समाप्त करने के लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस मद में बजट राशि बढ़ाई गयी है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये पौष्टिक आहार के लिए टीबी के मरीजों को वित्तीय मदद दी जा रही है।
इसके लिए सरकार ने 10 करोड़ डॉलर का अलग से प्रावधान किया है। कभी जानलेवा समझी जाने वाली इस बीमारी से लड़ने के लिए उन्होंने प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के इस्तेमाल की भी बात कही। उन्होंने कहा कि टीबी की जाँच के लिए स्वदेशी डिजिटल एक्सरे मशीन विकसित की गयी है जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे दूर-दराज के इलाकों में भी समय पर जाँच संभव है।
इसके अलावा मौजूदा सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाकर तथा स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला योजना के जरिये टीबी के संक्रमण का खतरा कम किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश में टीकाकरण का दायरा एक प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था और ऐसे में पूरी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने में 40 साल लग जाते। लेकिन, उनकी सरकार के कार्यकाल में इसका दायरा छह प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और 90 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। उज्ज्वला योजना से करोड़ों महिलाओं को धुएँ से मुक्ति मिल गयी है जिससे उनके लिए टीबी का खतरा कम हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार योजनाओं का लाभ अंतिम जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। टीबी मुक्त भारत का संकल्प टीबी मुक्त विश्व के संकल्प में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत 2025 तक टीबी मुक्त होने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि हम सबकी सामूहिक प्रतिबद्धता दुनिया से टीबी समाप्त करने की है। सरकार लोगों को सस्ता उपचार उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस अदानोम गेब्रियेसस ने कहा कि भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए मजबूत कदम उठाये हैं। उन्होंने मरीजों को वित्तीय तथा पौष्टिक मदद की योजनाओं का जिक्र किया।
बैठक में इंडोनेशिया और नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, स्टॉप टीबी पार्टनरशिप तथा अन्य गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और टीबी के कई विशेषज्ञ डॉक्टर, कार्यकर्ता तथा टीबी पर विजय प्राप्त कर चुके मरीज भी मौजूद थे।