नई दिल्ली। देश में जनसंख्या घनत्व अधिक होने के बावजूद यहां प्रति लाख कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मामलों की संख्या विश्व औसत से काफी कम है। विश्व में औसतन प्रति लाख 114.67 कोरोना वायरस के मामले हैं लेकिन भारत में इनकी संख्या 30.04 प्रति लाख है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 153वीं स्थिति रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि अमेरिका में यह संख्या 671.24, जर्मनी 583.88, स्पेन 526.22 और ब्राजील में 489.42 मामले प्रति लाख हैं। भारत में कोरोना मामलों का कम पाया जाना इस बीमारी के प्रति सरकार के शुरू से ही सतर्क रवैये और सक्रिय रणनीति का नतीजा है।
केन्द्र सरकार ने इस बीमारी को लेकर काफी पहले से ही अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की रोकथाम, कंटेनमेंट और प्रबंधन की पुख्ता नीति बनाई थी।
देश में अभी तक कोरोना वायरस के 2,37,195 मरीज ठीक हो चुके हैं और पिछले 24 घंटों में 9,440 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं और इन्हें मिलाकर देश में मरीजों के ठीक होने की रिकवरी दर बढ़कर 55.77 प्रतिशत हो गई है। इस समय कोरोना के 1,74,387 सक्रिय मरीज चिकित्सकों की निगरानी में हैं और ठीक होने वाले मरीजों तथा कोरोना वायरस के नये मामलों में अंतर बढ़ता जा रहा है। आज देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सक्रिय मरीजों से 62,808 अधिक है।
देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है और सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 723 तथा निजी प्रयोगशालाओं की संख्या 262 हो गई है जो कुल मिलाकर 985 हैं।
इनमें रियल-टाइम आरटी पीसीआर आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 549(सरकारी: 354 , निजी 195), ट्रू एनएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 359 (सरकारी: 341 , निजी: 18) और सीबीएनएएटी आधारित परीक्षण प्रयोगशालाएं 77 (सरकारी: 28 , निजी 49) हैं।
पिछले 24 घंटों में 1,43,267 नमूनों की जांच की गई और अब तक 69,50,493 नमूनों की जांच की जा चुकी है।