जकार्ता । गत चैंपियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम जब कमजोर हांगकांग के खिलाफ एशियाई खेलों में बुधवार को अपने ग्रुप ए मुकाबले में उतरी तो उसे भी इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह 86 वर्ष पुराना रिकार्ड तोड़ 26-0 के स्कोर के साथ अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर लेगी।
भारतीय टीम ने यहां जीबीके हॉकी फील्ड में अपने पूल ए के मुकाबले में हांगकांग को 26-0 के अंतर से हराया जो उसकी गोल अंतर के लिहाज़ से अब तक की सबसे बड़ी जीत है। भारत ने 1932 के ओलंपिक में अमेरिका को 24-1 के अंतर से पीटा था जो उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। लेकिन हांगकांग के खिलाफ उसने पिछले 86 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ दिया।
भारत ने 18वें एशियाई खेलों के अपने पहले मैच में इंडोनेशिया को 17-0 से हराया था। खेलों में अब तक अपने दो मैचों में ही पुरूष टीम 43 गोल कर चुकी है और उसके खिलाफ विपक्षी टीमों ने एक भी गोल नहीं किया है। इससे पहले इंचियोन एशियाई खेलों मेंं भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में 20 गोल किये थे।
भारतीय टीम ने पहले ही मिनट से गोल का सिलसिला शुरू किया जो चौथे क्वार्टर तक जारी रहा। पहले हाफ में ही उसने हांगकांग के खिलाफ 14-0 की बढ़त बना ली जिसमें ललित उपाध्याय, रूपिंदर पाल, हरमनप्रीत ने चार चार गोल किये। आकाशदीप ने तीन गोल, मनप्रीत और मनदीप सिंह ने दो दो गोल किये जबकि एस वी सुनील, विवेक प्रसाद, अमित रोहिदास, वरूण कुमार, दिलप्रीत सिंह, चिंगलेनसाना सिंह, सिमरनजीत सिंह ने एक एक गोल किया।
इससे पहले पूल ए मैच में काेरिया ने श्रीलंका को 8-0 से हराया। कोरिया की यह लगातार दूसरी जीत है। उन्होंने हांगकांग को ओपनिंग मैच में 11-0 से हराया था। पूल बी में बंगलादेश ने कजाखिस्तान को 6-1 से हराया। भारतीय टीम अपनी दो मैचों में लगातार दूसरी जीत के बाद पूल ए में छह अंकों के साथ शीर्ष पर है जबकि कोरिया इतने ही अंक लेकर दूसरे नंबर पर है।
मेजबान इंडोनेशिया को भी बड़े अंतर से हराने वाली भारतीय टीम ने मैच के पहले पांच मिनट में हांगकांग के खिलाफ पांच गोल कर 5-0 की बढ़त बना ली। पहले क्वार्टर में भारत ने छह गोल किये और दूसरे क्वार्टर में आठ गोल कर डाले। एकतरफा इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने मनमाने ढंग से गोल दागे।
रूपिंदर ने दो गोल पेनल्टी कार्नर पर किये जबकि मनप्रीत सिंह, एस वी सुनील और विवेक ने भी एक एक गोल किया। हांगकांग के खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ हक्के बक्के रहकर खेलने की औपचारिकता पूरी करते रहे। दूसरे हाफ के सात मिनट की अवधि में ही भारत ने तीन गोल दाग दिये। रूपिंदर ने फिर पेनल्टी कार्नर पर गोल कर स्कोर 18-0 किया।
अाखिरी क्वार्टर में दिलप्रीत सिंह ने अपना पहला गोल किया जबकि 51वें मिनट में चिंगलेनसाना ने एक और गोल कर स्कोर 20-0 पहुंचा दिया। हांगकांग को आखिरी क्षणों में एकमात्र पेनल्टी कार्नर मिला जबकि उस समय भारत के पास गोलकीपर नहीं था और रूपिंदर पाल बिना पैड के गोल में खड़े थे। रूपिंदर ने पेनल्टी कार्नर बचाया और अंतिम मिनट में भारत का 26वां गोल दाग दिया। मैच के आखिरी छह मिनट में भारतीय टीम ने छह और गोल दाग दिये और स्कोर 26-0 पहुंचाकर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर ली।