बैंकॉक। भारत और जापान ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति से लक्ष्यों को हासिल करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने का फैसला लिया है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) शिखर सम्मेलन से इतर सोमवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान इस बात पर सहमति बनी।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने नियम-आधारित आदेश के आधार पर स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।”
उल्लेखनीय है कि मोदी और आबे के बीच सोमवार को हुई बैठक हुई थी और पिछले चार महीनों में दोनों नेताओं की यह तीसरी बैठक थी। इससे पहले दोनों नेताओं ने सितंबर में रूस के व्लादिवोस्तोक में मुलाकात की थी।
मोदी ने हाल ही जापान के सम्राट के राज्याभिषेक पर उन्हें बधाई दी और इस समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के शामिल होने और उनके भव्य स्वागत का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अगले महीने भारत में होने वाले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान आबे का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह सम्मेलन भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने में सफल साबित होगा।
मोदी और आबे ने दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान से प्रेरित आर्थिक संबंध को बढ़ाने का स्वागत किया। साथ ही दोनों नेताओं ने मुबई-अहमदाबाद ‘हाई स्पीड परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा की और इस परियोजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए आपसी प्रयासों को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई ।
दोनों नेताओं ने इस महीने के अंत में भारत में होने वाली दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की मुलाकात का भी स्वागत किया। मोदी और आबे ने इस बात पर भी सहमति जताई कि परस्पर वार्ता से द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।