नई दिल्ली। भारत विश्व ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ सूचकांक में 23 पायदानों की छलांग के साथ 77 वें पर आ गया है। विश्व बैंक के बुधवार को यहां जारी डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2019 के अनुसार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सूचकांक में भारत ने 23 स्तर का सुधार किया है और 77 वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल के सूचकांक में भारत 100 वें स्थान पर था।
सूचकांक में कुल 190 देश शामिल हैं। रिपोर्ट में भारत को सर्वाधिक सुधार करने वाले 10 शीर्ष देशों में शामिल किया गया है। भारत ने लगातार दूसरे साल दस शीर्ष देशों में अपना स्थान बनायें रखा है। ब्रिक्स देशों तथा दक्षिण एशियाई देशों में यह उपलब्धि हासिल करना वाला अकेला देश है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस पर प्रतिक्र्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार के सतत् प्रयासों का परिणाम है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 10 संकेतकों में से छह में सुधार दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा सुधार ‘निर्माण अनुमति’ और ‘सीमा पार व्यापार’ के क्षेत्र में आया है। निर्माण अनुमति की श्रेणी में भारत का स्थान 52 वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल भारत इस श्रेणी में 129 वें स्थान पर था। इसी तरह से सीमा पार व्यापार श्रेणी में भारत का स्थान 66 वां हो गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2014 में जब सत्ता में आई थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईज आॅफ डूइंग बिजनेस सूचकांक में शीर्ष 50 देशों में स्थान पाने का लक्ष्य रखा था। वर्ष 2018 के भारत ने 77 वां स्थान प्राप्त कर लिया है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी)ने एक – एक बिन्दू पर बहुत काम किया है। वर्ष 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत का 142 वां स्थान था।
डीआईपीपी ने देश में कारोबार के अनुकूल माहौल बनाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की और वैश्विक मानक तय किए। इसमें विश्व बैंक के एक विशेष दल का सहयोग लिया गया था। इस दिशा में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को सुधार के लिए तैयार किया गया और विशेष प्रशिक्षण दिया गया।