नई दिल्ली। भारत ने श्रीगुरु अर्जुनदेव जी के शहादत दिवस पर सात जून को आयोजित शहीदी जोर मेला में जाने वाले आधिकारिक 87 श्रद्धालुओं के जत्थे को वीजा प्रदान करने से इंकार करने के पाकिस्तान सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध किया है।
विदेश मंत्रालय के शुक्रवार को जारी बयान में पाकिस्तान के रवैये की भी तीखी आलोचना की गयी। धार्मिक स्थल की यात्रा को लेकर वर्ष 1974 में बने द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत इन यात्रियों को वीजा देने का अनुरोध किया गया था। विदेश मंत्रालय ने पहले पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों के लिए वीजा का अनुरोध किया था।
मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायोग की ओर से धार्मिक भावनाओं और भारतीय तीर्थयात्रियों की भक्ति पर विशेष रूप से पाकिस्तान द्वारा एकतरफा प्रतिबंधात्मक वीजा (केवल रेल के जरिये) भारतीय तीर्थयात्रियों के निजी समूह को देने पर दिखाई गई उपेक्षा पर अपनी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से बिना किसी प्रतिबंध के तुरंत वीजा देने की अपील भी की।