इस्लामाबाद। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की अरबों डॉलर की मेगा परियोजना को नुकसान पहुंचाने के लिए उसके (सीपीईसी के) प्रतिष्ठानों पर हमला करने की योजना बनाई है।
डॉन ऑनलाइन की सोमवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक मंत्रालय ने गिलगिट-बालतिस्तान के गृह विभाग को एक पत्र लिखा है जिसमें चेतावनी दी गई है कि काराकोरम राजमार्ग और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं समेत सीपीईसी रूट पर संभवित आतंकी हमले हो सकते हैं। पत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मुकम्मल सुरक्षा इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पत्र में दावा किया गया है कि भारत ने 400 मुस्लिम युवाओं को हमले का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अफगानिस्तान भेजा है।
गिलगिट-बालतिस्तान सरकार ने कहा कि उसने खुंजेरब दर्रे से दियामेर जिले के काराकोरम राजमार्ग पर निर्मित दो दर्जन से ज्यादा पुलों समेत सीपीईसी रूट पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिलगिट बालिस्तान में विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर निगरानी रखी जाएगी और उनके दस्तावेजों को जांचा जाएगा।
पत्र में कहा गया है कि काराकोरम राजमार्ग के पुलों पर सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और उन्हें हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों को गश्ती अभियान चलाने, अतिसंवेदनशील जगहों, होटलों और गेस्ट हाउस की चेकिंग का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है।
सीपीईसी लिंक सड़कों, रेलवे और राजमार्गो के नेटवर्क के जरिए चीन के शियानजिंग प्रांत के काशगर और पाकिस्तान के बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है।