कोच्चि। केरल में लगातार बारिश के कारण आयी प्रलंयकारी बाढ़ में आठ अगस्त से अब तक 164 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 2875 लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ के कारण राज्य को 68़ 27 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है।
इडुक्की, वायनाड और मल्लापुरम जिले इस प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जहां भूस्खलन की सबसे अधिक घटनाएं हुई हैं और सर्वाधिक संख्या में लोगों की मौत हुई है।
राजस्व विभाग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार राज्य को कुल 68.27 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। मकानों के ध्वस्त होने से 13.09 करोड़ रूपए और फसलों के बरबाद होने से 55.18 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य के अलग -अलग हिस्सों में गुरुवार की शाम तक करीब 331 मकान पूरी तरह और 2526 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 3393.3200 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल नष्ट हो गई।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से कम से कम 52,856 परिवारों के 2.23 लाख लोगों को सुरक्षित 1568 शिविरों में पहुंचाया गया है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों का जीवन बेहाल है। ग्यारह लोग लापता हैं और 41 लोग घायल हो चुके हैं।
सरकार ने भारी बारिश और कई इलाकों के पानी में डूबे होने के कारण सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश की घोषणा कर दी है। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और उसके आसपास के क्षेत्रों में पानी भरे होने के कारण विमानों का परिचालन 26 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। रेल सेवाएं विशेषकर एर्नाकुलम और त्रिशूर के बीच बाधित हैं और सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है।
सेना, नौसेना और वायु सेना के जवान युद्ध स्तर पर राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए आने का कार्यक्रम हैं। मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शाम चार बजे अंत्येष्टि के बाद केरल रवाना होंगे। वह यहां रात्रि विश्राम के बाद कल सुबह दिल्ली रवाना होने से पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्राें का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करेंगे।