नई दिल्ली। सरकार ने देश में ड्रोन के परिचालन को लेकर आज नए नियम जारी किए। इसमें भारत को वर्ष 2030 तक इसके विनिर्माण का प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने, ड्रोन टैक्सियों के परिचालन को प्रोत्साहित करने, व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना करने और नियमों के उल्लघन पर एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नागर विमानन मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। नए नियम में ड्रोन के पंजीकरण को सरल बना दिया गया है। सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर नए नियम को स्टार्टअप और इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए उपयोगी बताया है।
नए नियमों के लिए 15 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे और अब उसी के आधार पर ये जारी किए गए हैं। इसके तहत अब गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। नो परमिशन- नो टेक-ऑफ (एनपीएनटी), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा। इसके पालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।
सभी ड्रोन ट्रेनिंग और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा। अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए प्रकार के प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की अब आवश्यकता नहीं होगी। डीजीएफटी द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले ड्रोन के आयात की अनुमति होगी। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।
व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी। अब यूनिक अधिकृत नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकरण, रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन के उपकरणों के लिए आयात की अनुमति दी जाएगी।
भारी वस्तुएं ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों के लिए ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। ड्रोन परिचालन की अनुमति के लिए फॉर्म की संख्या 25 से घटाकर पांच कर दी गई है। अब पंजीयन या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। अधिकतम जुर्माना घटाकर एक लाख रुपये किया गया है लेकिन यह अन्य कानूनों के उल्लंघन पर लागू नहीं होगा।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का मैप प्रदर्शित किया जाएगा। एयरपोर्ट पैरामीटर मामले में पीले जोन की परिसीमा 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर तक कर दी गई है। अब हवाईअड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फुट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।