नयी दिल्ली । भारत एवं दक्षिण अफ्रीका ने रक्षा, कारोबार, कौशल विकास तथा प्रौद्याेगिकी सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर आज यहां व्यापक विचार विमर्श किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 70वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा के साथ हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में ये विचार विमर्श किया। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार दोनों देशों ने रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं तकनीकी सहयोग तथा बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के बारे में विस्तार पूर्वक विचार विमर्श किया।
मोदी ने बाद में अपने वक्तव्य में कहा कि भारत के अभिन्न मित्र राष्ट्रपति रामाफोसा के लिए भारत नया नहीं है। पर राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है और उनकी यह यात्रा हमारे संबंधों के एक विशेष मुकाम पर हो रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगाँठ है जबकि पिछला वर्ष दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला की जन्मशती का वर्ष था। पिछले साल ही दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की रजत-जयंती भी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे बहुत प्रसन्नता है कि इस विशेष मुकाम पर राष्ट्रपति रामाफोसा भारत आए हैं। उनकी यह भारत यात्रा हमारे लिए और भी विशेष महत्व रखती है क्योंकि कल वे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह सम्मान और गौरव वे हमें दे रहे हैं, इसके लिए समस्त भारत उनका आभारी है।” उन्होंने कहा कि कल गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामाफोसा की उपस्थिति और मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी, हमारे संबंधों को और अधिक मजबूत करने की हमारी साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि आज की बैठक में दोनों देशों ने अपने संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की। हमारे बीच व्यापार एवं निवेश के संबंध और अधिक प्रगाढ़ हो रहे हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर से भी अधिक है। इस वर्ष ‘व्राइवेंट गुजरात’ में दक्षिण अफ्रीका ने साझीदार देश के रूप में हिस्सा लिया है तथा दक्षिण अफ्रीका में निवेश बढ़ाने के राष्ट्रपति रामाफोसा के प्रयासों में भारतीय कंपनियाँ बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के कौशल विकास प्रयासों में भी भारत साझेदार हैं। प्रिटोरिया में शीघ्र ही गांधी-मंडेला कौशल संस्थान की स्थापना होने वाली है। और हम दोनों इन संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका, दोनों ही हिन्द महासागर में बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित हैं। हम दोनों विविधताओं से परिपूर्ण लोकतांत्रिक देश हैं। महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की विरासत के उत्तराधिकारी हैं। इसलिए दोनों देशों का व्यापक वैश्विक नजरिया एक दूसरे से काफी मेल रखता है। ब्रिक्स, जी-20, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन, ईब्सा, जैसे अनेक मंचों पर हमारा आपसी सहयोग और समन्वय बहुत मजबूत है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों पर भी हम साथ मिल कर काम कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि रामाफोसा की इस भारत यात्रा के कार्यक्रम के एक विशेष अंग के रूप में आज पहला ‘गांधी-मंडेला स्वाधीनता व्याख्यान’ आयोजित किया जा रहा है जिसमें ना सिर्फ़ वह बल्कि पूरा भारत और पूरा दक्षिण अफ्रीका, राष्ट्रपति रामाफोसा के विचार सुनने के लिए उत्सुक है।