इस्लामाबाद । पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस बात पर जोर दिया है कि कश्मीर मसले को शामिल किये बगैर भारत और इस्लामाबाद के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।
समाचार पत्र डॉन ने मंगलवार को चाैधरी के हवाले से कहा,“कश्मीर के उल्लेख के बिना पाकिस्तान और भारत के बीच कोई चर्चा नहीं की जाएगी जो हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का जड़ रही है।” उन्होंने कहा कि कश्मीर के मसले पर दोनों देश पिछले 70 वर्षाें से बिना किसी नतीजे के लड़ रहे हैं।
चौधरी ने भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत के हाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत या तो ‘एक दूसरे को घुसपैठ और कमजोर’ कर सकते हैं या फिर ‘एक-दूसरे को समझाने की कोशिश’ कर सकते है। उन्होंने कहा,“इस मुद्दे की ओर जाने का एक तरीका यह है कि एक दूसरे के देश में घुसपैठ करना और उसे कमजोर करना। लेकिन इससे बेहतर तरीका है कि एक दूसरे को समझाने की कोशिश करना (शांति की ओर)।”
चौधरी ने कहा,“ प्रधानमंत्री इमरान खान का दृष्टिकोण पाकिस्तान और भारत के लोगों के लिए बेहतर जीवन अवसर प्रदान करना है और उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर ले जाना है। हर कोई जानता है कि देश तब तक सफल नहीं होते हैं जबतक कि उसके क्षेत्र तरक्की नहीं करते।”
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की अमेरिका के न्यूयार्क में होने वाली बातचीत केेे रद्द होने के बाद दोनों पक्षों की तरफ से हो रही विवादास्पद बयानबाजी के बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कहा था कि पाकिस्तान से बेहतरी की उम्मीद करना काफी त्रुटिपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा,“पाकिस्तान से बेहतरी की उम्मीद करना काफी त्रुटिपूर्ण है और जब तक वे आतंकवाद की विचारधारा तथा आतंकवादियों को समर्थन देना बंद नहीं करते तब तक उनसे कोई भी उम्मीद करना बेकार है। पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी और राज्य के अनेेेक हिस्साें में आतंकवाद को समर्थन देने का मन बना लिया है अौर यह लगातार जारी है जिसे पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी का समर्थन हासिल है।”