नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण समय में भारत दुनिया के साथ खड़ा है और वह वैक्सीन बनाने वाले गठबंधन ‘गावी’ को डेढ करोड़ अमरीकी डालर की मदद देगा।
मोदी ने वर्चुअल ग्लोबल वैक्सीन शिखर बैठक 2020 को संबोधित करते हुए आज कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत दुनिया के साथ खड़ा है। बैठक का आयोजन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने किया था और इसमें 50 देशों के उद्योगपतियों, संयुक्त राष्ट्र की एजेन्सियों, नागरिक समाज, विभिन्न सरकारों के मंत्रियों, राष्ट्राध्यक्षों और दुनिया भर के बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत गावी को डेढ करोड़ अमेरिकी डालर की राशि प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता में दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा जाता है और इस महामारी के दौरान भारत ने इसे चरितार्थ भी किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी दवाओं की आपूर्ति 120 से भी अधिक देशों को की है और साथ ही अपनी विशाल आबादी की जरूरतों को भी पूरा किया है।
मोदी ने कहा कि कोविड 19 महामारी ने एक तरह से वैश्विक सहयोग की सीमाओं को उजागर किया है और हाल के इतिहास में पहली बार मानवता को एक साझा शत्रु का सामना करना पड़ा है। गावी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल एक वैश्विक गठबंधन ही नहीं है बल्कि दुनिया की एकजुटता का भी प्रतीक है। यह याद दिलाता है कि दूसरों की मदद कर हम अपनी भी मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की विशाल आबादी है और सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं में वह टीकाकरण की अहमियत को समझता है। इस संदर्भ में उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष का भी उल्लेख किया। भारत ने अपनी वैक्सीन आपूर्ति श्रंखला को डिजिटल कर दिया है और इस की नियमित निगरानी की जाती है। इससे सबको सुरक्षित और सही टीकाकरण की सुविधा सही समय पर मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत वैक्सीन के अग्रणी निर्माताओं में शामिल है और दुनिया भर में बच्चों की 60 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण में योगदान दे रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत गावी के कार्य और महत्व को पहचानता है और इसलिए उसने इसे वैक्सीन के लिए राशि दान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि गावी को भारत का समर्थन केवल वित्तीय दृष्टि तक ही सीमित नहीं है बल्कि भारत में बड़ी मात्रा में मांग के चलते वैक्सीन की वैश्विक कीमत में भी कमी आती है।
उन्होंने दोहराया कि भारत गुणवत्तापूर्ण तथा किफायती वैक्सीन बनाने की अपनी क्षमता के बल पर दुनिया के साथ खड़ा है। भारत के पास अनुभव और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में प्रतिभा भी है। भारत वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों में योगदान की क्षमता रखता है और साथ ही वह मिल बांटकर चलने की भावना में भी विश्वास रखता है।