अजमेर। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार ने पूर्व में पूर्ण लॉकडाउन किया था। उस समय लोगों का घर से निकलना पूरी तरह से ठप हो गया। आर्थिक जरूरत तथा बैंक खाते में पैसे होने के बावजूद लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के डर से चलते लोग बैंक या एटीएम जाने से कतराते थे। ऐसे परेशानी भरे समय में डाक विभाग के पोस्टमैन यानी डाकिए चलते फिरते ATM बनकर लोगों की मदद कर रहे थे।
प्रवर अधीक्षक पवन कुमार शर्मा ने बताया कि भारतीय डाक विभाग के इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की आधार आधारित भुगतान प्रणाली एईपीएस के तहत पोस्टमैन घर घर जाकर लोगो की नकदी की समस्या का समाधान कर रहे थे। ऐसे लोग जिनके बैंक खाते में पैसे तो थे लेकिन वे कोरोना वायरस से संक्रमण के भय और लॉक डाउन की पाबन्दियों के चलते राशि की निकासी नहीं कर पा रहे थे। उनके लिए पोटमेन देवदूत की भांति संकटमोचक बने।
डाक विभाग की इस सेवा के जरिये भुगतान लेने के लिए चाहे आपका खाता किसी भी बैंक में हो ए बस उसे केवल आपके आधार से लिंक होना चाहिए। एक दिन में अधिक से अधिक Rs 10,000 तक कि निकासी की जा सकती है। हालांकि प्रतिदिन व मासिक निकासी के लिए अलग अलग बैंक द्वारा अलग अलग सीमा निर्धारित की हुई है।
डाक विभाग का यह पेमेन्ट सिस्टम लॉकडाउन के दौरान खूब फला फूला। इस सेवा की शुरुआत इस साल के आरम्भ में हुई थी। उस समय गिने चुने लोग ही इसका लाभ उठाते थे। लॉकडाउन के दौरान इस पेमेन्ट सिस्टम का लाभ लेने वालों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखा गया।
यह सुविधा धीरे धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि अनलॉक शुरू होने के बावजूद अब भी बडी संख्या में उपभोक्ता इस सेवा का उपयोग कर रहे है। डाक विभाग भी आवश्यक सेवाओं के अन्तर्गत आता है इसलिए लॉकडाउन के दौरान भी डाक विभाग पूरी मुस्तेदी से अपनी जिम्मेदारी निभाता रहा और यह अभी भी जारी है।
एईपीएस की प्रक्रिया बड़ी आसान है। कोई भी व्यक्ति जिसका एकाउंट चाहे किसी भी बैंक में हो, यदि उसका आधार कार्ड नम्बर बैंक खाते से लिंक है तो वह अपने किसी भी नजदीकी डाकघर में जाकर या अपने क्षेत्र में डाक वितरण के लिए आने वाले पोस्टमैन से घर बैठे नकद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
’इस सुविधा के तहत पनेर रूपनगढ़ के ब्रांच पोस्टमास्टर कैलाश चन्द्र मीना ने सेवा भाव का जज्जबा दिखाते हुए लॉकडाउन पीरियड अप्रैल 2020 से लेकर नवम्बर 2020 तक 3,078 बैंक खाता धारकों को Rs 1,26,80,970 का घर घर जाकर भुगतान किया है। एक करोड़ से अधिक का भुगतान करने वाले वे राजस्थान डाक सर्किल के पहले कर्मचारी है। इससे अजमेर डाक मण्डल का नाम भी गौरान्वित हुआ है।’
लोकडाउन में अप्रैल 2020 से लेकर नवम्बर 2020 तक अजमेर डाक मण्डल द्वारा 74,467 बैंक खाता धारकों को Rs 21,80,18,415 का भुगतान किया है। इसमें अजमेर प्रधान डाकघर के कर्मचारियों ने कोरोना के जोखिम काल में अप्रैल 2020 से लेकर नवम्बर 2020 तक 20,207 बैंक खाता धारकों को Rs 6,16,96,030’ का भुगतान किया है। यह राजस्थान में किसी भी डाकघर द्वारा किया गया अब तक का सर्वाधिक भुगतान है।
अजमेर डाक मण्डल में सर्वाधिक बैंक खाता धारकों को भुगतान करने का गौरव भी कैलाश मीना ब्रांच पोस्टमास्टर पनेर ने हासिल किया है। मीना ने सर्वाधिक 3,078 बैंक खाता धारकों को Rs 1,26,80,970 का भुगतान किया है। प्रधान डाकघर अजमेर में सर्वाधिक Rs 93,38,650 का भुगतान कमरु मेहरात पोस्टमैन ने किया है। इन्होंने 3,032 बैंक खाता धारकों को भुगतान पहुंचाया।
अजमेर जिले में ;अजमेर व ब्यावर डाक मण्डल दोनो ने मिलकर अप्रैल 20 से नवम्बर 20 तक 1,14,904’ बैंक खाता धारकों को Rs 33,90,23,907 का भुगतान किया गया है। इसमें से 74,467 बैंक खाता धारकों को Rs 21,80,18,415. का भुगतान अजमेर डाक मण्डल व 40,437 बैंक खाता धारकों को Rs 12,10,05,492 का भुगतान ब्यावर डाक मण्डल द्वारा किया गया है। अभी अजमेर मण्डल में रोजाना औसतन लगभग Rs 6,00,000 का भुगतान किया जा रहा है।
किसी भी आधार से लिंक बैंक खाते का यदि घर बैठें पैसे चाहिए तो निम्न नम्बर पर सहायता के लिए फ़ोन कर सकते है। अजमेर क्षेत्र के लिए’ 01452432145 तथा किशनगढ़ क्षेत्र के लिए’ 01463242300 विभागीय संपर्क सूत्र का उपयोग किया जा सकता है। ग्राहक को घर बैठे भुगतान की व्यवस्था की जाएगी। यह सुविधा वृद्ध, दिव्यांग, चलने फिरने में असमर्थ लोगों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है। इस सेवा के जरिये भुगतान लेने पर डाक विभाग ग्राहक से किसी भी प्रकार का शुल्क नही वसूलता है।