नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों के जज्बे को सलाम करते हुए इसे काला अध्याय बताया है।
मोदी ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि मैं उन सभी महान महिलाओं और पुरुषों के साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने 43 साल पहले लगाए गए आपातकाल का दृढ़ता से विरोध किया था। उनके संघर्षों ने तानाशाही के बावजूद लोगों की शक्ति को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि भारत में आपातकाल को काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है, जिसके दौरान हर संस्थान को तोड़ दिया गया था और डर का माहौल बनाया गया था। न केवल लोगों, बल्कि विचारों और कलात्मक स्वतंत्रता को राजनीति शक्ति के लिए बंधक बना दिया गया था।
प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आइए हम अपने लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करते रहें। लेखन, बहस, विचार-विमर्श, प्रश्न हमारे लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिन पर हमें गर्व है। कोई भी बल हमारे संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को कभी कमजोर नहीं कर सकता।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगा दिया था जो 21 महीनों तक चला। 25 और 26 जून की दरमियानी रात से आपातकाल प्रभावी हुआ था।