बर्मिंघम । भारत बुधवार से शुरु हो रही प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में 18 साल का खिताबी सूखा समाप्त करने के लक्ष्य के साथ उतरेगा।
भारत को अपने तीन स्टार खिलाड़ियों पीवी सिंधू, सायना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत से खासी उम्मीदें है। भारत ने इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में अब तक सिर्फ दो बार पुरुष एकल वर्ग में खिताब जीते हैं।
भारत के बैडमिंटन लीजेंड प्रकाश पादुकोण ने 1980 में यह खिताब जीता था जबकि मौजूदा राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने 2001 में यह खिताब जीता था। इसे छोड़कर भारत को प्रतियोगिता में अन्य कोई कामयाबी नहीं मिल पायी।
टूर्नामेंट में पिछले साल पुरुष वर्ग में बीएस प्रणीत पहले राउंड में और तीसरी वरीयता प्राप्त श्रीकांत दूसरे राउंड में बाहर हो गए थे जबकि एचएस प्रणय क्वार्टरफाइनल में पहुंच कर हारे थे।
रियो ओलंपिक की रजत विजेता पीवी सिंधू ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था जहां उन्हें जापान की अकाने यामागूची से हार का सामना करना पड़ा था। सायना का पहले ही राउंड में टॉप सीड तेई जू यिंग से सामना हुआ और भारतीय खिलाड़ी लगातार गेमों में हारकर बाहर हो गईं।