भुवनेश्वर । घरेलू मैदान पर विश्व चैंपियन बनने का सपना देख रहा भारत गुरूवार को क्वार्टरफाइनल में चौथे नंबर की टीम हॉलैंड की बेहतरीन लय को तोड़ते हुये यहां एफआईएच पुरूष हॉकी विश्वकप के सेमीफाइनल में जगह बनाने के लक्ष्य के साथ उतरेगा।
हॉलैंड ने अपने तूफानी प्रदर्शन की बदौलत मंगलवार को कनाडा के खिलाफ क्राॅस अोवर मैच में 5-0 की एकतरफा जीत के साथ क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी। वहीं भारतीय टीम अपने पूल सी में शीर्ष पर रहने के कारण सीधे क्वार्टरफाइनल में पहुंची है। भारत 43 साल के लंबे अर्से बाद खिताब जीतने की उम्मीदों के साथ अब हॉलैंड की कड़ी चुनौती तोड़ने का प्रयास करेगा।
कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में मेजबान भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है और उसने अपने पूल सी मैच के तीन मैचों में दो जीते हैं और एक ड्रॉ खेला है। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के बेहतरीन तालमेल से भारत अभी तक अपराजेय है और उसे हॉलैंड के खिलाफ भी अपनी आक्रामक शैली में खेलना होगा।
आंकड़ों पर नज़र डालें तो भारतीय टीम ने अब तक पूल मैचों में 12 गोल दागे हैं जबकि उसके खिलाफ विपक्षी टीमें केवल तीन ही गोल कर सकी है। वहीं पूल डी की टीम हॉलैंड ने अपने तीन मैचों में दो जीते हैं और एक में उसे हार मिली है। विश्व की चौथे नंबर की टीम ने अब तक मैचों में 13 गोल दागे हैं जबकि उसके खिलाफ भी पांच गोल किये गये हैं।
हॉलैंड ने अपने पिछले मैच में पाकिस्तान को 5-1 से हराया था जबकि मंगलवार को पिछले मैच में कनाडा को 5-0 से धो दिया। वहीं भारतीय टीम टूर्नामेंट में अब तक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5-0 से जीत दर्ज कर चुकी है जबकि मजबूत टीम बेल्जियम को उसने 2-2 पर रोका था। इसके बाद पूल सी के आखिरी मैच में भारत ने कनाडा के खिलाफ 5-1 से जीत दर्ज की थी और पूल में शीर्ष पर रही।
मेजबान भारत ने भले ही अब तक कमाल का प्रदर्शन दिखाया है लेकिन हॉलैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल मुकाबले में उसे अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन करना होगा। दोनों टीमों के बीच यदि पिछले रिकार्ड को देखें तो वर्ष 2013 से अब तक उन्होंने एक दूसरे के खिलाफ कुल नौ मैच खेले हैं जिसमें एक मैच ड्रॉ रहा है जबकि 4-4 मैच दोनों के बीच ड्रॉ रहे हैं। इन मैचों में गोल औसत देखें तो हॉलैंड ने 22 गोल जबकि भारत ने 18 गोल किये हैं।
विश्वकप में हालांकि भारत का रिकार्ड हॉलैंड के खिलाफ निराशाजनक रहा है और उसने छह मैचों में एक भी नहीं जीता है। बेहतरीन लय में खेल रही भारतीय टीम इस बार इस सूखे को समाप्त कर सीधे सेमीफाइनल में जगह बनाने की कोशिश करेगी। भारतीय टीम को हॉलैंड के खिलाफ मुकाबले में ललित उपाध्याय, अटैकिंग के मुख्य बिंदू कप्तान मनप्रीत, सिमरनजीत सिंह और हरमनप्रीत सिंह से काफी उम्मीदें होंगी।
ललित ने अब तक तीन मैचों में तीन मैदानी गोल जबकि सिमरनजीत ने दो मैदानी गोल और एक गोल पेनल्टी कार्नर पर किया हैं। हालांकि भारतीय टीम के लिये पेनल्टी कार्नर हासिल करना और उसे भुनाना अभी भी बड़ी समस्या है जिससे उसे उबरना होगा। दूसरी ओर हॉलैंड की टीम को अपने खिलाड़ी सेंडर डी विन के बाहर होने से झटका लगा है जो चोट के कारण भारत के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे। उनकी जगह जोएप डी मोल मैच में उतरेंगे। हॉलैंड के सबसे सफल स्कोरर में जेरोन हट्जबर्गर और थिएरी ब्रिंकमैन हैं जिन्होंने अब तक तीन तीन गोल किये हैं।