दुबई । भारतीय टीम हांगकांग के खिलाफ मंगलवार को होने वाले एशिया कप के अपने पहले मैच को अभ्यास की तरह लेगी ताकि उसके अगले दिन चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के लिए वह पूरी तरह तैयार रह सके।
भारत को एशिया कप में लगातार दो दिन में दो मैच खेलने हैं। पाकिस्तान ने कल हांगकांग को आठ विकेट से पीटकर अपना अभ्यास पूरा कर लिया है और अब बारी भारत की है। पाकिस्तान ने ग्रुप ए के मैच में हांगकांग को 37.1 ओवर में मात्र 116 रन पर ढेर करने के बाद 23.4 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 120 रन बनाकर आसान जीत हासिल कर ली थी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत का हांगकांग पर जीत का अंतर क्या रहता है।
भारतीय टीम नियमित कप्तान विराट कोहली के बिना एशिया कप में उतर रही है और टीम की बागडोर वनडे में तीन दोहरे शतक ठोक चुके रोहित शर्मा के हाथों में है। रोहित इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज का हिस्सा नहीं थे और इंग्लैंड में सीमित ओवरों की सीरीज खेलने के बाद भारत लौट आये थे। टेस्ट सीरीज से बाहर रहने के बाद रोहित का बल्ला रन उगलने के लिए बेताब होगा।
रोहित के साथ ओपनिंग में उनके जोड़ीदार शिखर धवन रहेंगे जो टेस्ट सीरीज में संघर्ष करते नजर आये थे। यहां उनकी पूरी कोशिश होगी कि वह बेहतर बल्लेबाजी करें। भारत हालांकि इस मैच को अभ्यास मैच की तरह लेगा लेकिन वह वही टीम उतारेगा जिसे अगले दिन पाकिस्तान के साथ खेलना है। भारत को तीसरे नंबर पर विराट की कमी जरूर खलेगी क्योंकि टीम उन्हें इस क्रम पर ढेरों रन बनाते देखने की आदी हो चुकी है।
विराट की अनुपस्थिति में अंबाटी रायुडू तीसरे नंबर पर उतर सकते हैं जिनका वनडे में 50 का औसत है। चौथे नंबर पर दिनेश कार्तिक आ सकते हैं जबकि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पांचवें नंबर पर उतर सकते हैं।
इस टूर्नामेंट में धोनी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्हें न केवल मैचों को फिनिश करना होगा बल्कि मध्यक्रम को भी संभालना होगा। धोनी की बल्लेबाजी पर भी सभी की निगाहें रहेंगी क्योंकि अभी तक यही माना जा रहा है कि धोनी अगला विश्वकप खेलेंगे।
केदार जाधव छठे नंबर और आलराउंडर हार्दिक पांड्या सातवें नंबर पर उतरेंगे। अगले चार स्थान पर दो तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह तथा कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल रहेंगे। वैसे भी हांगकांग के बल्लेबाजों के लिए कुलदीप और चहल की फिरकी को समझना टेढ़ी खीर होगा। लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल को अपनी बारी के लिए अभी इन्तजार करना पड़ सकता है।
क्वालीफाइंग टूर्नामेंट जीतकर मुख्य टूर्नामेंट में पहुंचे हांगकांग के लिए यही सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसे पाकिस्तान और भारत जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ मैच खेलने को मिल रहे हैं और उसके इन मैचों को वनडे का दर्जा भी दिया गया है। हांगकांग इस मुकाबले में भारत को जितना रोकेगा वही उसकी उपलब्धि होगी।