नयी दिल्ली । सरकार ने उच्च प्रौद्योगिकी व्यापार के लिए भारत को सक्षम बनाने के अमेरिकी निर्णय का स्वागत करते हुए आज कहा कि यह अमेरिका द्वारा भारत को एक प्रमुख रक्षा साझीदार का दर्जा दिये जाने की तार्किक परिणति है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विल्बुर रॉस द्वारा हिन्द-प्रशांत बिज़नेस फोरम में कल भारत को अमेरिकी वाणिज्य विभाग की रणनीतिक व्यापार मान्यता एवं लाइसेंस छूट के टियर-एक में लाने की घोषणा का स्वागत करते हैं।
इस संबंध में जारी बयान में कहा गया कि यह अमेरिका द्वारा भारत को प्रमुख रक्षा साझीदार का दर्जा दिये जाने की तार्किक परिणति और विभिन्न बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रणालियों में एक जिम्मेदार सदस्य के तौर पर भारत के बेदाग रिकॉर्ड को मान्यता है। इस कदम से रक्षा एवं उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत अमेरिका व्यापार एवं प्रौद्योगिकी साझेदारी सुलभ होगी। उन्होंने कहा की हम उम्मीद करते हैं कि इस फैसले को अमेरिकी प्रशासन जल्द से जल्द क्रियान्वित करेगा।
ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय से उच्च प्रौद्योगिकी व्यापार एवं निर्यात के मामले में भारत काे नाटो के सदस्य देशों के बराबर का दर्जा दिया है। अमेरिका ने यह सकारात्मक संदेश ऐसे समय दिया है जब भारत एवं अमेरिका के संबंध आव्रजन एवं व्यापार खासतौर पर ईरान एवं रूस सहित तीसरे देशों के साथ तेल एवं रक्षा व्यापार को लेकर कई मुद्दों पर मतभेद कायम हो गये हैं।
वाशिंगटन में भारत में राजदूत नवतेज सरना ने कहा कि यह ना केवल हमारे रिश्तों बल्कि भारत एक अर्थव्यवथा और सुरक्षा साझीदार के रूप में भारत की क्षमताओं पर भरोसे का चिह्न हैं।