हेमिल्टन । दूसरे मुकाबले में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल करने के बाद अपना मनोबल ऊंचा कर चुकी टीम इंडिया मेजबान न्यूज़ीलैंड के खिलाफ रविवार को होने वाले तीसरे और निर्णायक ट्वंटी-20 मैच में विदेशी जमीन पर सीरीज जीत का चौका लगाने के मजबूत इरादे से उतरेगी।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के लगातार दौरों पर शानदार प्रदर्शन किया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में ट्वंटी-20 सीरीज 1-1 से ड्रा खेली और टेस्ट सीरीज 2-1 से तथा वनडे सीरीज 2-1 से जीती। भारत ने इसके बाद न्यूज़ीलैंड के दौरे में वनडे सीरीज पर 4-1 के रिकॉर्ड अंतर से कब्जा किया और अब बारी ट्वंटी-20 सीरीज की है।
टीम इंडिया ने पहला ट्वंटी-20 मैच 80 रन के रिकार्ड अंतर से गंवाने के बाद शानदार वापसी की और आकलैंड में दूसरा मुकाबला सात विकेट से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। भारत ने इस तरह ट्वंटी-20 मुकाबले में कीवी जमीन पर पहली जीत हासिल की।
न्यूजीलैंड ने आठ विकेट खोकर 158 रन बनाए जबकि भारत ने 18.5 ओवर में तीन विकेट पर 162 रन बनाकर जीत अपने नाम कर ली। लेफ्ट आर्म स्पिनर क्रुणाल पांड्या 28 रन पर तीन विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बने जबकि कप्तान रोहित शर्मा (50) ने बेहतरीन अर्धशतक जमाया और युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने नाबाद 40 रन की शानदार पारी खेली।
मैच के बाद रोहित ने माना कि टीम ने पहले मैच की हार में की गयी गलतियों से सबक लिया। उन्होंने कहा,“यह देखकर काफी खुशी हुई कि हमने बेहतरीन गेंदबाजी की और हम बल्ले के साथ भी अच्छे से खेले। हमारे पक्ष में कई चीजें गई। हमारे खेल में भी गुणवत्ता थी, लेकिन हमने अपनी गलतियों से सीखने के बाद अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया।”
दूसरी तरफ मेजबान टीम के कप्तान केन विलियम्सन ने भी कहा कि टीम पहले मैच के प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पायी। विलियम्सन ने कहा , “हमें पता था कि वेलिंगटन के प्रदर्शन को दोहराना आसान नहीं है। इस मैच में हम बल्ले से कुछ खास नहीं पर पाए। इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था लेकिन अगर हम डैथ ओवरों में 20 रन अधिक बना लेते तो यह अच्छा साबित होता।”
न्यूज़ीलैंड ने पहले मैच में 200 से ऊपर का स्कोर बनाकर भारतीय बल्लेबाजी को दबाव में ला दिया था लेकिन दूसरे मैच में 158 रन का स्कोर ऐसा नहीं था जिससे भारतीय टीम दबाव में आ पाती। रोहित और शिखर धवन की शानदार शुरुआत ने भारत का काम आसान किया था। हालांकि शिखर को अपनी शुरूआती लड़खड़ाहट से उबरना होगा और अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलना होगा।
भारत को हेमिल्टन के मैदान के अपने रिकॉर्ड को ध्यान में रखना होगा जहां भारतीय टीम चौथे वनडे में मात्र 92 रन पर लुढ़क गयी थी और उसे आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। भारत को यदि विदेशी जमीन पर सीरीज जीत का चौका लगाना है तो उसे हेमिल्टन में अपने पिछले प्रदर्शन को पीछे छोड़कर बेहतर प्रदर्शन करना होगा।