अहमदाबाद। टेस्ट इतिहास में कोई टेस्ट इतना महत्वपूर्ण साबित नहीं हुआ होगा जितना भारत और इंग्लैंड के बीच गुरूवार से यहां नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुरू होने वाला चौथा और अंतिम स्टेडियम बन गया है जिस पर आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की दूसरी टीम का भविष्ष्य टिका हुआ है। भारत को फाइनल में जाने के लिए इस टेस्ट में जीत या ड्रा की जरूरत है जबकि फाइनल की होड़ से बाहर हो चुके इंग्लैंड ने यदि यह टेस्ट जीता तो सीरीज के ड्रा होने के कारण भारत बाहर हो जाएगा और ऑस्ट्रेलिया भाग्य के भरोसे फाइनल में पहुंच जाएगा। फाइनल इस साल जून में इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर होना है और न्यूज़ीलैंड की टीम पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी है जबकि फाइनल की दूसरी टीम का फैसला होना बाकी है।
अहमदाबाद में खेला गया तीसरा टेस्ट मात्र दो दिन में ही समाप्त हो गया था जिसे भारत ने 10 विकेट से जीता था। इंग्लैंड की टीम ने भारतीय स्पिनरों के सामने घुटने टेक दिए थे और दोनों परियों में उसने 112 और 81 रन बनाये थे। लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने तीसरे दिन रात्रि टेस्ट में 11 और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सात विकेट लेकर अंग्रेजों को दो दिन में जमीन सूंघने पर मजबूर कर दिया था। चेन्नई में दूसरे टेस्ट में भी स्पिनरों का बोलबाला रहा था और भारत ने दूसरा टेस्ट 317 रन के रिकॉर्ड अंतर से जीता था। चौथे टेस्ट में भी दोनों टीमों की परीक्षा स्पिन ट्रैक से ही होगी जिसके लिए दोनों टीमें पूरी तैयारी कर चुकी होंगी।
इंग्लैंड के कप्तान जो रुट स्पिन ट्रैक की चुनौती के लिए तैयार हैं और उनका मानना है कि यदि उनकी टीम यह मैच जीतकर सीरीज को 2-2 से ड्रा करा लेती है तो यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। भारत ने 2012 के बाद से किसी घरेलू सीरीज में दो टेस्ट नहीं गंवाएं हैं। तब भारत को इंग्लैंड से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। यह घरेलू सीरीज में भारत की आखिरी पराजय थी।
दोनों टीमें जानती हैं कि चौथे टेस्ट में उनका सामना एक और स्पिनिंग ट्रैक से होगा। इंग्लैंड के विकेटकीपर बेन स्टोक्स कह चुके हैं कि चौथे टेस्ट की पिच में तीसरे टेस्ट से ज्यादा टर्न होगा जबकि भारतीय उपकप्तान अजिंक्या रहाणे ने कहा है कि चौथे टेस्ट की पिच दूसरे और तीसरे टेस्ट जैसी ही होगी। इस बार फर्क इतना ही होगा कि चौथे टेस्ट में गुलाबी नहीं लाल बॉल होगी जिससे स्पिनरों की गेंद में उतनी तेजी नहीं होगी जितनी गुलाबी बॉल से थी। तीसरे टेस्ट में गुलाबी बॉल से 12 खिलाड़ी पगबाधा हुए थे जबकि आठ खिलाड़ी बोल्ड हुए थे। चेन्नई टेस्ट में लाल बाल से सात खिलाड़ी पगबाधा हुए थे जबकि पांच खिलाड़ी बोल्ड हुए थे। इसलिए माना जा रहा है कि चौथे टेस्ट में टर्न तो होगा लेकिन गेंद में उतनी तेजी नहीं होगी।
इंग्लैंड के कप्तान रुट जिस आत्मविश्वास के साथ आखिरी मैच की पूर्वसंध्या पर सीरीज ड्रा कराने की बात कह रहे हैं उससे तो लगता है कि उनकी टीम ने तीसरे टेस्ट से सबक लेकर मजबूत तैयारी की है यह दिलचस्प है कि इंग्लैंड के कप्तान रुट सहित तमाम इंग्लिश खिलाड़ियों ने तीसरे टेस्ट के बाद के दिनों में पिच को लेकर कोई आलोचना नहीं की है और यही कहा है कि घरेलू टीम को अपने हिसाब से पिच तैयार करने का हक़ है। दूसरी तरफ भारतीय खिलाड़ी स्पिन ट्रैक बनाने के सवाल पर उखड़े नजर आये हैं जबकि उन्हें इस पर संयमित रहने की जरूरत है क्योंकि अबउन्हें अपनी सारी ताकत चौथे टेस्ट को जीतने पर लगानी है क्योंकि जीत या ड्रा ही उन्हें फ़ाइनल में पहुंचाएगा।
चौथे टेस्ट के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम से बाहर हो चुके हैं जिन्हें उनके निजी आग्रह पर टीम से रिलीज कर दिया गया है। बुमराह के बाहर होने से तेज गेंदबाज उमेश यादव को एकादश में जगह मिलने की पूरी उम्मीद है। उमेश ने तीसरे टेस्ट से पहली अपना फिटनेस टेस्ट पास कर लिया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम प्रबंधन एकादश में तीसरे विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को जगह देता है या नहीं। कुलदीप ने चेन्नई में दूसरी पारी में दो विकेट लिए थे। लेकिन वह तीसरे टेस्ट में नहीं खेले थे।
इंग्लैंड के पास लेफ्ट आर्म स्पिनर के रूप में जैक लीच मौजूद हैं जबकि कप्तान रुट पार्ट टाइम ऑफ स्पिन डालते हैं। रुट ने गुलाबी गेंद से तीसरे टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए थे जो उनके प्रथम श्रेणी करियर में एक पारी में पहले पांच विकेट थे। डोमिनिक बेस भी ऑफ स्पिन डालते हैं। इंग्लैंड को भारतीय स्पिनरों के सामने अपने कप्तान रुट से एक बड़ी पारी की उम्मीद होगी और रुट ने यह संकेत दे दिया है कि बेस चौथे टेस्ट में अंतिम एकादश में लौटेंगे।
अभी तक किसी टीम ने अपनी अंतिम एकादश की घोषणा नहीं की है और वे आखिरी बार पिच देखने के बाद ही एकादश की घोषणा करेंगे।