हैदराबाद । वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपने टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के बाद नंबर वन भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से हैदराबाद में शुरू होने जा रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भी जीत के साथ विंडीज़ पर 2-0 की क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने मैच से एक दिन पूर्व गुरूवार को राजकोट टेस्ट की अपनी 12 सदस्यीय टीम को बिना बदलाव के दूसरे मैच में भी उतारने की घोषणा कर दी। ऐसे में उम्मीद है कि कप्तान विराट कोहली अपने 42 टेस्टों की कप्तानी में दूसरी बार बिना बदलाव के अंतिम एकादश को हैदराबाद में उतार दें।
चयनकर्ताओं ने बिना बदलाव के टीम उतारी है जिससे बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल को एक बार फिर पदार्पण का मौका नहीं मिल सका है और उनके आगामी आस्ट्रेलिया दौरे को लेकर भी खेलने पर अब असमंजस बन गया है। लेकिन इस अहम दौरे से पूर्व भारतीय टीम प्रबंधन के पास ओपनिंग जोड़ी तथा मध्यक्रम के संयोजन को फिर से परखने का मौका रहेगा।
राजकोट टेस्ट में पदार्पण बल्लेबाज़ एवं ओपनर पृथ्वी शॉ ने अपने लाजवाब प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था लेकिन उनसे अब इसी लय में खेलने की उम्मीद रहेगी जबकि कप्तान विराट के पास इस मैच में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर इंजमाम उल हक के 25 टेस्ट शतकों की बराबरी कर सकते हैं। हालांकि टीम में कई बल्लेबाज़ हैं जिनका प्रदर्शन सवालों के घेरे में हैं।
विराट भी पूरी तरह से फिट नहीं हैं लेकिन राजकोट टेस्ट में उन्होंने कमाल की बल्लेबाज़ी करते हुये अपन 139 रन की शतकीय पारी खेली थी और सबसे तेज़ 24 टेस्ट पूरे करने वाले डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरे बल्लेबाज़ बन गये। हालांकि उपकप्तान अजिंक्या रहाणे और ओपनिंग बल्लेबाज़ लोकेश राहुल की फार्म खराब चल रही है। लेकिन जिस तरह सलामी बल्लेबाज़ मयंक को बाहर कर इन दोनों बल्लेबाज़ों को रिटेन किया गया है उसके बाद इन पर खुद को साबित करने का सबसे अधिक दबाव रहेगा।
वेस्टइंडीज़ सीरीज़ को आस्ट्रेलिया दौरे से पहले भारत के लिये अहम अभ्यास माना जा रहा है और टीम प्रबंधन की निगाहें भी अपने संयोजन और खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर लगी होंगी। भारतीय टीम का विदेश दौरों में प्रदर्शन बहुत संतोषजनक नहीं रहा है और पिछले मुश्किल दौरे में उसे दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट सीरीज़ में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। उसके बाद से आस्ट्रेलिया के दौरे के लिये विराट एवं टीम इंडिया के लिये अग्निपरीक्षा माना जा रहा है जहां उसे खुद को नंबर वन टेस्ट टीम होने का हकदार साबित करने की जिम्मेदारी है।
राजकोट टेस्ट में बल्लेबाज़ों में पृथ्वी ने 134 और विराट ने 139 रन की लाजवाब पारियां खेली थीं जबकि मध्यक्रम में विकेटकीपर युवा बल्लेबाज़ रिषभ पंत ने 92 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी जबकि निचले क्रम में ऑलराउंडर जडेजा ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था। हालांकि रहाणे 41 रन ही बना सके थे जबकि अपनी पिछली 11 पारियों में वह मात्र दो अर्धशतक ही लगा सके हैं, वहीं राहुल शून्य पर आउट हुये।
गेंदबाज़ी क्रम में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पांच विकेट लेकर सफल रहे जबकि चाइनामैन गेंदबाज़ ने 57 रन पर पांच विकेट लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ टेस्ट प्रदर्शन किया था। वहीं तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने भी प्रभावित किया। लेफ्ट आर्म स्पिनर जडेजा ने बल्लेबाज़ी के साथ गेंदबाज़ी में भी कमाल किया और मैच में चार विकेट अपने नाम किये।
चयनकर्ताओं ने इन गेंदबाज़ों को रिटेन किया है जिनसे एक बार फिर भारत को बड़ी जीत दिलाने में योगदान की अपेक्षा रहेगी जबकि तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर को 12वें खिलाड़ी के तौर पर रखा गया है। हालांकि इससे मोहम्मद सिराज का पदार्पण कैप हासिल करने का सपना एक बार फिर टल गया है।
वेस्टइंडीज़ पारी और 272 रन की भारत से मिली सबसे बड़ी हार से पहले ही पस्त है और जेसन होल्डर का यह कहना कि ब्रायन लारा की टीम भी भारत पर जीत नहीं दिला सकती थी, साफ करता है कि टीम में मनोबल की भारी कमी है। मैच में भारत को जीत का हकदार कहा जाए तो गलत नहीं होगा लेकिन उसे होल्डर और केमर रोच की वापसी से बेहतर प्रदर्शन की भी उम्मीद बंधी है। हालांकि अनुभवी स्पिनर देवेंद्र बिशू राजकोट में भारतीय बल्लेबाज़ों पर दबाव नहीं बना सके थे और उम्मीद है उनकी जगह इस बार जोमेल वारिकन को अंतिम एकादश में मौका दे दिया जाए।