नयी दिल्ली | भारत दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन फीफा विश्वकप में खेलने का अभी सपना ही देख रहा है जबकि देश के दो बच्चों का विश्वकप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना पूरा होने जा रहा है।
भारत के दो बच्चे कर्नाटक के 10 साल के रिषि तेज और तमिलनाडु की 11 वर्षीय नथानिया जॉन के विश्वकप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे और विश्वकप के दो मैचों में आधिकारिक मैच बॉल कैरियर के रूप में मैदान में उतरेंगे। इनमें से एक बच्चा ब्राजील और कोस्टा रिका के मैच में और एक बेल्जियम तथा पनामा के मैच में टीम के खिलाड़ियों के साथ बॉल लेकर मैदान में प्रवेश करेगा। बेल्जियम मैच 18 जून को और ब्राजील मैच 22 जून को खेला जाएगा।
इन दो बच्चों को विश्वकप में अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा करने का अवसर दिया है फीफा के आधिकारिक ऑटोमोटिव पार्टनर किया मोटर्स ने जिसने 10 से 14 साल के बच्चों के बीच यह अभियान चलाया है। कुल 1500 बच्चों ने इस अभियान में हिस्सा लिया जिनमें से 50 फाइनल राउंड में उतरे और इन 50 में से रिषि तेज़ और नथानिया जॉन का चयन किया गया। इस चयन प्रक्रिया पर खुद भारतीय फुटबाल कप्तान सुनील छेत्री ने निगरानी रखी और बच्चों को चुनने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इनके अलावा चार और बच्चों को स्थानापन्न के रूप में चुना गया है जो विश्वकप का मैच देखने के लिये रूस की यात्रा करेंगे। इन चार में नोएडा के भनुज भलावस, नोएडा के ही प्रियदर्शन प्रकाश, गुड़गांव के आदित्य बत्रा और मुंबई के स्कॉट एश्ले राड्रिग्ज़ शामिल हैं।