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जेनेवा । यात्रियों की संख्या के लिहाज से पिछले चार साल से करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा भारतीय विमानन बाजार वर्ष 2024 तक ब्रिटेन को पछाड़ता हुआ तीसरे स्थान पर पहुँच जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आयटा) की बुधवार को जारी अगले 20 वर्ष के पूर्वानुमान रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा विमानन बाजार है। अमेरिका पहले, चीन दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है। इनके बाद क्रमश: स्पेन, जापान और जर्मनी का नंबर है। भारत वर्ष 2020 तक जर्मनी और जापान को तथा वर्ष 2023 तक स्पेन को पीछे छोड़ देगा। इसके बाद वर्ष 2024 के अंत तक वह ब्रटेन को पछाड़ कर तीसरे स्थान पर पहुँच जायेगा।
आयटा की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष दो स्थानों पर अमेरिका और चीन कायम रहेंगे लेकिन अगले दशक के मध्य तक अमेरिका को पछाड़कर चीन पहले स्थान पर होगा। इसमें वर्ष 2037 तक पहले तीन स्थान पर क्रमश: चीन, अमेरिका और भारत के बने रहने की बात कही गयी है, बशर्ते सरकारों की विमानन नीतियों में कोई खास बदलाव न हो।
नागर विमानन महानिदेशालय के आँकड़ों के अनुसार, भारत में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या सितम्बर 2014 से सितम्बर 2018 तक लगातार 49 महीने दहाई अंक की दर से बढ़ी है। वर्ष 2014 में जहाँ कुल छह करोड़ 73 लाख 83 हजार यात्रियों ने उड़ान भरी थी, वहीं इस साल पहले नौ महीने में जनवरी से सितम्बर के बीच ही उनकी संख्या 10 करोड़ 27 लाख 93 हजार पर पहुँच गयी है। इस वर्ष सालाना वृद्धि दर 20.94 प्रतिशत रही है।
आयटा का कहना है कि वर्ष 2017 के आँकड़ों की तुलना में वर्ष 2037 में भारत में हवाई यात्रियों की संख्या सालाना संख्या 57 करोड़ 20 लाख पर पहुँच जायेगी। इनमें 41 करोड़ 40 लाख नये यात्री शामिल होंगे। चीन में इस दौरान एक अरब और अमेरिका में 48 करोड़ 10 लाख नये हवाई यात्री शामिल होंगे तथा वर्ष 2037 तक चीन में हवाई यात्रियों की संख्या एक अरब 60 करोड़ और अमेरिका में एक अरब 30 करोड़ पर पहुँच जायेगी। इन आँकड़ों में उस देश में यात्रा आरंभ या यात्रा समाप्त करने वाले यात्रियों की गणना की गयी है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि सरकारें उदार नीति अपनाती हैं और आर्थिक विकास दर 5.5 प्रतिशत रही तो वर्ष 2037 तक दुनिया भर में हवाई यात्रियों की संख्या 10 अरब 30 करोड़ पर पहुँच जायेगी। वैश्विक विमानन बाजार 76 खरब डॉलर का होगा और इस क्षेत्र में 11 करोड़ 90 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
नीतियों में स्थिरता की स्थिति में आर्थिक विकास दर 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। उस स्थिति में हवाई यात्रियों की संख्या सात अरब पर पहुँच जायेगी जबकि 55 खरब डॉलर के विमानन बाजार में 10 करोड़ लोग रोजी-रोटी कमायेंगे। वहीं, यदि सरकारों ने अनुदार नीति अपनाई और वैश्विक आर्थिक विकास दर 2.4 प्रतिशत रही तो हवाई यात्रियों की संख्या पाँच अरब 70 करोड़ होगी। इस क्षेत्र में नौ करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा तथा विमानन बाजार 46 खरब डॉलर का होगा।