मुंबई । इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, बैंक ऑफ बड़ौदा, आंध्रा बैंक और लीगल एंड जनरल (यूके) के बीच संयुक्त उद्यम है. इसने डेपुटी मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में ऋषभ गांधी की पदोन्नति की घोषणा की है। यह नियुक्ति 1 जुलाई 2018 से प्रभावी होगी।
कंपनी के पूर्व निदेशक (सेल्स एंड मार्केटिंग) गांधी के तीन साल के कार्यकाल ने इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस को 20वें से 13वें रैंक तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई, जब खुदरा एपीई वित्त वर्ष 18 में 160 करोड़ रुपये से बढ कर 575 करोड़ रुपये हो गया. यह 53 फीसदी का एक सीएजीआर था।
ऋषभ की नई भूमिका पर टिप्पणी करते हुए, आर एम विशाखा, प्रबंध निदेशक और सीईओ इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस ने कहा कि ऋषभ ने इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे सिस्टम में नए और चुनौतीपूर्ण विचार ले कर आए। दूसरों को प्रेरित करने और काम में संलग्न करने की उनकी क्षमता ने संगठन को आगे बढाने में सहायता की। चूंकि हम जटिल और विविध चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं, ऐसे में ऋषभ इंडियाफर्स्ट लाइफ के समग्र विकास में एक और समावेशी भूमिका निभाएंगे।
अपने पदोन्नति पर ऋषभ गांधी ने कहा कि मैं इस अवसर को पा कर प्रसन्न और उत्साहित हूं। इंडियाफर्स्ट की आदर्श और नई सोच ने हमें दूसरों से अलग किया है। हम विकास पर ध्यान केंद्रित रखेंगे, गहन ग्राहक संबंध, आवश्यकता-आधारित उत्पाद विकास और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते रहेंगे।
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बारे में
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस का मुख्यालय मुम्बई में है. इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस का 625 करोड़ रुपये का पेड-अप शेयर कैपिटल है जो देश की सबसे युवा जीवन बीमा कंपनियों में से एक है। यह भारत के दो सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों – बैंक ऑफ बड़ौदा और आंध्र बैंक और ब्रिटेन की अग्रणी रिस्क, वेल्थ और निवेश कंपनी लीगल एंड जनरल के बीच एक संयुक्त उद्यम है। बैंक ऑफ बड़ौदा का इसमें 44 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि आंध्र बैंक की 30 और लीगल एंड जनरल की 26 फीसदी हिस्सेदारी है।
इंडिया फर्स्ट का मानना है कि सरल और आसान उत्पाद व बेहतर सेवा प्रदान कर के ये इस सेक्तर में एक अंतर ला सकता है। आज, इंडिया फर्स्ट लाइफ देश के 1000 से अधिक शहरों और कस्बों में मौजूद है। इसके 10000 से ज्यादा प्वायंट ऑफ सेल्स है। कंपनी ने 31 मार्च 2018 तक असेट अंडर मैनेजमेंट के तहत 12622 करोड़ रुपये जुटाए।