नयी दिल्ली । भारतीय वायुसेना को पहला अपाचे गार्डियन युद्धक हेलीकॉप्टर प्राप्त हो गया है जो दुश्मन के वायुक्षेत्र में ज़मीन से खतरा होने पर भी मुकाबला करने में पूरी तरह से सक्षम है।
पहला एएच-64ई (आई) अपाचे गार्डियन हेलीकाॅप्टर अमेरिका के एरिज़ोना प्रांत के मेसा में बोइंग के कारखाने भारतीय वायुसेना को शुक्रवार को औपचारिक रूप से साैंपा गया। भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ए एस बुटोला ने हेलीकॉप्टर की चाभियां ग्रहण की।
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में अमेरिका के साथ सरकार एवं बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। हेलीकॉप्टरों के पहले बेड़े को इसी वर्ष जुलाई में आना है। वायुसेना के कुछ पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को अलाबामा में फोर्ट रक्सर स्थित अमेरिकी सेना के अड्डे पर इस हेलीकॉप्टर के परिचालन का प्रशिक्षण दिया गया।
वायुसेना के एक प्रवक्ता के अनुसार वायुसेना के बेड़े के आधुनिकीकरण के प्रयासों में अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टरों का आना बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है और इसमें दुर्गम एवं अत्यधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में संचालन की क्षमता होगी। इनमें युद्धक्षेत्र की तस्वीरें लेकर भेजने और सूचना प्रौद्योगिकी से लैस अस्त्र प्रणाली इसे दुश्मन के खिलाफ एक अत्यंत घातक हथियार बनाती है। इनके माध्यम से संयुक्त सैन्य अभियानों में अधिक प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।