प्रशान्त
सबगुरु न्यूज। भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी 2019 को सुबह लगभग 3ः45 बजे पाकिस्तान के तीन आतंकी ठिकानों पर 12 मिराज विमानों से हमला करते हुए पुलवामा के गुनहगार आतंकी संगठन जैश के ट्रेनिंग कैम्पों को पूरी तरह तबाह और नेस्तनाबूद कर दिया गया है। इसके साथ ही भारत ने अपनी ’साॅफ्ट स्टेट’ की सहनशीलता वाली छवि को पूरी तरह तोडते हुए दुनिया को अपनी गरजना से चकाचौंध कर दिया है।
भारत द्वारा किया गया हवाई हमला पाकिस्तान को धूल चटाने वाला है, जिससे उसके द्वारा भारत को बार-बार दी जाने वाली परमाणु हमले की धमकी धरी की धरी रह गई और पाकिस्तान की ताकत के खोखलेपन को पूरी दुनिया ने देख लिया, इसके साथ ही 48 वर्षों से सोया हुआ भारत रूपी शेर जाग चुका है। ये नया भारत है जिसने पाकिस्तान की वायु सेना को संभलने का मौका दिए बिना पाकिस्तान में अन्तरराष्ट्रीय सीमा से 60 किलामीटर अंदर घुस कर इस बार पाक अधिकृत कश्मीर ही नहीं बल्कि उसको पार कर खैबरपख्तूनवा प्रान्त में उसके आतंकवादीयों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों को ध्वस्त कर दिया और पाकिस्तानी वायु सेना को चुपचाप भारतीय वायु सेना के इस तांडव को देखने को मजबूर कर दिया।
इसके साथ ही भारत ने जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग मुख्यालय और हथियारों के भण्डार के साथ वहां मौजूद 300 से अधिक आतंकियों को भी समाप्त कर दिया है, जिसमें आतंकी अजहर मसूद का भाई भी शामिल है। पुलवामा हमले के 12 दिन बीत जाने के बाद सीआरपीएफ के 44 शहीदों के 12वें के भारतीय वायु सेना के 12 विमानों ने पाकिस्तान में छिपे भारत के गुनहगारों के 12 बजा दिए हैं, यानि हमारे शहीदों का 12 दिन का शोक समाप्त हुआ अब एक्शन की बारी है, जो इस नए भारत ने कर दिखाया।
1971 के भारत पाक युद्ध के बाद भारतीय वायु सेना की अब तक की सबसे बडी क्राॅस बाॅर्डर कार्यवाही कर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर जो कहा वो कर दिखाया और अबकि बार बाॅडर के 5 या 10 किलोमीटर या एलओसी नहीं बल्कि 60 किलोमीटर अंदर जाकर बालाकोट, मुज्जफराबाद और चकोटी में हमला कर दुनिया को यह बता दिया है कि हमें छेडने वाले को हम छोडते नहीं।
इस हमले के लिए वायु सेना को ही क्यों चुना गया
भारत ने मोदी सरकार के आने के बाद ’छेडने वाले को नहीं छोडने’ की नीति के तहत पहले बर्मा में और फिर पाकिस्तान में 2016 में सर्जिकल स्ट्राईक कर आतंकियों का खात्मा कर दिखाया था जिसमें भारतीय फौजों कोे कोई नुकसान नहीं हुआ था। पाकिस्तान इस बार भी भारत की ओर से जमीनी सर्जिकल स्ट्राईक की ही संभावना के मध्यनजर अपनी पूरी ताकत लगाए बैठा था और उसने अपने आतंकियों को एलओसी यानि नियंत्रण रेखा से दूर सुरक्षा की दृष्टि से
अंदरूनी ठिकानों पर भेज दिया था, पर इस पर भारत की सुरक्षा एजेन्सियों और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल की पहले से ही पैनी नजर थी जिसकी पुख्ता सूचना और स्थान का पता चलते ही भारतीय रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने तीनों सेना अध्यक्षों और सुरक्षा ऐजन्सियों के अधिकारियों की बैठक में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ की वायु सेना के हमले की रणनीति को हरी झंडी दी गई। क्योंकि 1971 के बाद से भारत ने वायु सेना का इस्तेमाल अभी तक नहीं किया था इसलिए पाकिस्तान को इस कार्यवाही का बिलकुल भी अंदेशा नहीं था और वह अपने परमाणु बम वाली खोखली धमकी के चलते भारत की ओर से इस तरह की कार्यवाही की लेश मात्र भी उम्मीद नहीं कर रहा था। दूसरी ओर पश्चिमी राजस्थान में भारतीस वायु सेना के गगनशक्ति यु़द्धाभ्यास के चलते उसमें शामिल 150 सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग विमानों पूरी युद्ध क्षमता के साथ सीमा पर तैनात थे जिनकी नियमित उडानों के चलते पाकिस्तान इस हमले के लिए देश के विभिन्न वायु सेना अडडों से उडने वाले विमानों की उडान और उनके इरादों को भांप नहीं पाया और इसी को ध्यान में रखते हुए इस हमले के लिए वायु सेना को चुना गया था। भारत की यह रणनीति पूरी तरह सफल रही और एक भी विमान या पायलट के नुकसान के बिना सफल हमलों को अंजाम देकर हमारे सभी 12 विमान सुरक्षित वापस आ गए जो पाकिस्तान की सेना ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
मिराज 2000 विमानों को ही क्यों चुना गया इस हमले के लिए
मिराज 2000 फ्रांस में निर्मित एक मध्यम श्रेणी का ’डीप पेनीट्रेशन स्ट्राईक’ विमान है जो रेडार से बचने के लिए काफी नीची उडान भरते हुए दुश्मन की नजर से बचकर अचानक ताबडतोड हमला कर सुरक्षित वापस आ सकने की क्षमता रखता है और भारत ने इस पुराने विमान को नए आधुनिक रेडार और उडान प्रणाली से लैस कर अत्यंत घातक आधुनिक विमान के रूप में आधुनिक हथियारों से लैस कर नई ताकत दी है और यह विमान दुश्मन के इलाके में बहुत अंदर तक जाकर अत्याधुनिक स्मार्ट लेजर गाईडेड बमों से भारी जमीनी हमला करने में सक्षम है। इन विमानों में इलैक्ट्रोनिक वारफेयर तकनीक के इस्तेमाल से भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के रेडार और विमानों के इलेक्ट्रोनिक सिस्टम को कुछ समय के लिए जैम कर दिया था।
हालांकि भारत के पास अत्याधुनिक भारी हमलावर विमान सुखोई 30 मौजूद है और वह मिराज 2000 से बहुत अधिक तेज, ताकतवर और अधिक हथियार ले जाने में सक्षम भी है लेकिन मिराज 2000 का आकार सुखोई से बहुत छोटा होने के कारण इसका रेडार क्राॅस सैक्शन कम है और इस कारण यह पहाडी इलाकों में नीची उडान के दौरान रेडार की पकड से बच जाता है, इसी खूबी के कारण इस हमले के लिए सुखोई के मुकाबले मिराज को चुना गया। मिराज विमान को इस हमले के लिए सुरक्षा की दृष्टि से ’क्रिस्टल मेज’ मिसाइलों से लैस किया गया था जो जमीनी हमले करने के लिये 80 से 100 किलोमीटर दूर तक हवा में तैरते हुए लक्ष्य को 3 मीटर से भी कम भटकाव के साथ सटीकता से निशाना बना कर नष्ट करने के लिए जानी जाती है।
सटीक और सुरक्षित रूप से हवाई हमले को अंजाम देने के लिए तैयारी
हमारी वायु सेना के मिराज 2000 विमानों ने इस हमले के लिए ग्वालियर, बरेली और आगरा के वायु सेना अड्डों से टुकडों में उडान भरी ताकि पाकिस्तान के रेडारों को धोखा दिया जा सके और बाद में एक साथ 12 विमानों ने बाॅर्डर पार कर पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को करीब 21 मिनट तक चली कार्यवाही में 1000 किलो के सटीक निशाना साधने वाले परसीशन बमों से नष्ट कर दिया। इस कार्यवाही और सीमा पर निगरानी व दुश्मन के रेडार को जाम करने के लिये वायु सेना के इजराइल निर्मित हैराॅन ड्रोन विमानोें और अवाक्स विमानों को पहले से ही बाॅडर के नजदीक उडा कर मिराज विमानों के लिए सहयोग प्रदान किया गया था।
दूसरी ओर भारतीय वायु सेना के जगुआर विमान इस पूरे मिशन की सफलता के लिए ने केवल तैयार थे व हवा में इस कार्यवाही के चलते सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी रखने के लिए उडान भर रहे थे और हवा में विमानों में ईधन भरने वाले टैंकर विमान भी भारतीय वायु सीमा में इस आपरेशन के दौरान उडान पर थे ताकि जरूरत पडने पर हमारे विमानों को हवा में ही ईधन भर कर आपरेशन को पूरा करने के लिए लगातार उडने की हालत में रखा जा सके। भारतीय हवाई रक्षा प्रणाली और दुश्मन के हवाई जहाज व मिसाईलों को मार गिराने वाली मिसाईलों को पूरी तरह तैयार रखा गया था ताकि यदि पाकिस्तानी वायु सेना कोई कार्यवाही करे या हमला करे तो उसे मार गिराया जा सके जिसके चलते ही इस कार्यवाही को वायु सेना के जांबाज पायलटों ने बिना अपना कोई विमान खोए सटीकता से पाकिस्तान का सीना चीरते हुए सफल हमला कर उसे सबक सिखाकर अंजाम दिया।
भारत की इस कार्यवाही ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अपने दुश्मनों को अब छोडने वाली नहीं है जिसके साथ पाकिस्तान को उसकी सेना और परमाणु हथियारों की ताकत की असलियत याद दिला कर धूल चटा दी है। भारतीय वायु सेना ने एक बार फिर भारतीयों को ‘HOW’S THE JOSH’ का नारा लगाने और मातृभूमि और देश के रक्षकों पर गर्व करने का मौका देकर हम सबमें जोश भर दिया है।