बेंगलुरू | आतंकवाद, गरीबी और अशांति से ग्रसित होने के बावजूद अफगानिस्तान के क्रिकेटरों ने दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और इसी राह पर आगे चलते हुये उसकी राष्ट्रीय टीम गुरूवार से टेस्ट पदार्पण कर नया इतिहास लिखने उतरेगी जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम उसका हिस्सा बनेगी।
अफगानिस्तान की टीम गुरूवार से भारत के खिलाफ बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एकमात्र टेस्ट खेलने उतरेगी जो उसका पदार्पण टेस्ट है और इसी के साथ वह टेस्ट प्रारूप में आधिकारिक रूप से प्रवेश कर लेगी। अफगान टीम के लिये यह भी यादगार होगा कि वह दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेलेगी।
अफगान टीम असगर स्तानिकज़ई की कप्तानी में अपना पहला मैच खेलने उतरेगी जबकि भारतीय टीम अजिंक्या रहाणे के नेतृत्व में इस मैच में खेलेगी। भारतीय टीम जहां टेस्ट प्रारूप की शीर्ष टीम है तो वहीं अफगानिस्तान ने हाल ही में देहरादून में हुई तीन वनडे मैचों की सीरीज़ में बंगलादेश के खिलाफ 3-0 की एकतरफा ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और उसके भी हौंसले काफी बुलंद है।
वर्ष 2001 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (अाईसीसी) से अफगान टीम को मान्यता प्राप्त हुई थी और दो दशक से भी कम समय में उसके खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन की बदौलत टेस्ट तक का सफर तय कर लिया है जबकि वर्ष 2009 में ही उसे वनडे का दर्जा प्राप्त हुआ है। स्तानिकजई ने टेस्ट पदार्पण से पूर्व कहा“ हमारे लिये टेस्ट प्रारूप की शुरूआत करना गर्व का पल है।”