नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI ने दो बार के विश्व विजेता कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज़ महेंद्र सिंह धोनी को गुरूवार को जारी अपने केंद्रीय अनुबंध से पूरी तरह बाहर कर दिया जिसके साथ ही उनके भविष्य को लेकर फिर से सवाल खड़ा हो गया है।
बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए चार वर्गों में विभाजित अपने केंद्रीय अनुबंध की सूची जारी की जो अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 की अवधि के लिए है, लेकिन इसमें आश्चर्यजनक रूप से धोनी को किसी भी ग्रेड में जगह नहीं मिली है। धोनी गत वर्ष तक ए ग्रेड में शामिल थे जिसमें खिलाड़ियों का वेतन पांच करोड़ रूपए वार्षिक होता है।
धोनी पिछले साल जुलाई में इंग्लैंड में हुए एकदिवसीय विश्वकप के सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद से ही क्रिकेट मैदान से बाहर चल रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट से काफी पहले संन्यास ले चुके धोनी ने अब तक एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है। लेकिन केंद्रीय अनुबंध से बाहर होने के बाद उनके करियर पर सवालिया निशान लग गया है।
बीसीसीआई का अनुबंध चार वर्गों में विभाजित है जिसमें ए प्लस, ए, बी और सी ग्रेड शामिल हैं जिसमें कुल 27 खिलाड़ी शामिल हैं। बोर्ड के ए प्लस अनुबंध में भारतीय कप्तान विराट कोहली, सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा और तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को रखा गया है जिन्हें सात करोड़ रूपए सालाना मिलेंगे।
ग्रेड ए में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्या रहाणे, लोकेश राहुल, शिखर धवन, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, कुलदीप यादव और रिषभ पंत को शामिल किया गया है जिसमें खिलाड़ियों काे सालाना पांच करोड़ रूपए मिलते हैं।
ग्रेड बी में विकेटकीपर रिद्धिमान साहा, उमेश यादव, युजवेंद्र चहल, हार्दिक पांड्या और मयंक अग्रवाल शामिल हैं, जिसके तहत सालाना तीन करोड़ रूपए खिलाड़ियों को दिए जाएंगे। वहीं सालाना एक करोड़ रूपए के ग्रेड सी में केदार जाधव, नवदीप सैनी, दीपक चाहर, मनीष पांडे, हनुमा विहारी, शार्दुल ठाकुर, श्रेयस अय्यर और वाशिंगटन सुंदर को शामिल किया गया है।
पूर्व भारतीय कप्तान धोनी के लिए निश्चित ही यह बड़ा झटका है जो अब तक संन्यास के सवाल पर चुप्पी सादे बैठे हैं। उम्मीद थी कि धोनी विश्वकप-2019 के बाद करियर पर विराम लगा लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इसके बाद संकेत दिए थे कि अब धोनी का टीम में स्वत: चयन संभव नहीं है। धोनी सेना के साथ ट्रेनिंग के लिए अवकाश पर चले गए थे, जिसके बाद उनकी टीम में वापसी की उम्मीद थी लेकिन उन्हें सीमित ओवर प्रारूप में नहीं चुना गया।
राष्ट्रीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने हालांकि कहा था कि यदि धोनी इंडियन प्रीमियर लीग में अच्छा खेलेंगे तो उन्हें टी-20 विश्वकप में चुना जा सकता है। लेकिन केंद्रीय अनुबंध से ही बाहर कर दिए गए धोनी के भविष्य को ही लेकर अब संदेह पैदा हो गया है। धोनी के अलावा जिन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय अनुबंध गंवाया है उनमें अंबाटी रायुडू, दिनेश कार्तिक और खलील अहमद भी शामिल हैं।
बीसीसीआई ने अनुबंध में बहुत अधिक बदलाव नहीं किए हैं लेकिन कुछ खिलाड़ियों को फायदा पहुंचा है जिनमें मेलबोर्न में पदार्पण करने वाले टेस्ट ओपनर मयंक को सीधे ग्रेड बी में जगह मिली है जबकि साहा ग्रेड सी में खिसक गए हैं। करार में नए खिलाड़ियों में नवदीप, दीपक, शार्दुल, श्रेयस और वाशिंगटन शामिल हैं जाे ग्रेड सी का हिस्सा हैं।
बोर्ड का करार अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 की अवधि के लिए है, लेकिन इस बार खिलाड़ियों की संख्या पिछली बार के 29 के बजाय कम कर 27 कर दी गई है। राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने पिछले वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया है। यदि कोई खिलाड़ी इस सूची में नहीं है लेकिन वह इस अवधि के दौरान भारत की ओर से खेलता है तो उसे स्वत: ही ग्रेड में शामिल कर लिया जाएगा।