जकार्ता । भारतीय पुरूष टेबल टेनिस टीम को 18वें एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में मंगलवार को कोरिया के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसके हाथ कांस्य पदक लगा। लेकिन यह कांस्य पदक ऐतिहासिक रहा क्योंकि एशियाई खेलों के इतिहास में इस खेल में भारत का यह पहला पदक है।
भारतीय टीम ने कल क्वार्टरफाइनल में जापान को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही अपना पहला पदक सुनिश्चित कर लिया था। लेकिन इसके बाद देखना था कि भारतीय टीम कांस्य पदक से आगे बढ़ पाती है या नहीं। भारत का सामना कोरिया की मजबूत टीम से था जिसके आगे भारतीय खिलाड़ियों को पहले तीनों मुकाबले गंवाकर हार का सामना करना पड़ा।
जापान के खिलाफ दो मैच जीतने वाले 25 वर्षीय जी सत्यन को सांगसू ली के खिलाफ 1-3 से हार मिली। सत्यन ने हालांकि मैच में अच्छी शुरूआत की और पहला गेम 11-9 से जीत लिया। लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने वापसी करते हुये अगले तीन गेम 11-9,11-3,11-3 से जीतकर मुकाबले में कोरिया को 1-0 की बढ़त दिला दी।
दूसरे मैच में अचंत शरत कमल ने सिक यंग जियोंग के खिलाफ पांच गेमों तक जबरदस्त संघर्ष किया लेकिन वह 2-3 से हार गये। शरत ने पहले दो गेम 9-11, 9-11 से गंवाने के बाद वापसी की और अगले दो गेम 11-6, 11-7 से जीतकर मुकाबले में 2-2 की बराबरी कर ली। निर्णायक गेम में कोरियाई खिलाड़ी ने 11-8 से जीत हासिल की और कोरिया मैच में 2-0 से अागे हो गया।
एंथनी अमलराज तीसरे मैच में वोजिन जांग के खिलाफ 5-11, 7-11, 11-4, 7-11 से मुकाबला गंवा बैठे और कोरिया ने 3-0 की अपराजेय बढ़त बनाते हुये फाइनल में जगह बना ली।
भारतीय महिला टीम को क्वार्टरफाइनल में हांगकांग से 1-3 से कल हार का सामना करना पड़ा था। इस पदक के बाद भारत की उम्मीदें अब मिश्रित युगल मुकाबलों पर टिक गयी हैं जहां अमलराज और मधुरिका पाटकर, अचंत शरत कमल और मणिका बत्रा अपनी चुनौती पेश करेंगे।