नई दिल्ली। नौसेना की स्कोर्पिन श्रेणी की चौथी पनडुब्बी वेला का आज जलावतरण किया गया , नौसैनिक बेड़े में शामिल किए जाने से पहले इसे गहन परीक्षणों से गुजरना होगा।
मझगांव शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाई गई इस पनडुब्बी का जलावतरण रक्षा उत्पादन सचिव डा अजय कुमार की पत्नी वीना अजय कुमार ने मुंबई स्थित बंदरगाह में किया। इस पनडुब्बी का निर्माण फ्रांस की कंपनी मेसर्स नेवल ग्रुप (पूर्व डीसीएनएस) के सहयोग से किया गया है।
भारत ने वर्ष 2005 में फ्रांसीसी कंपनी से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संबंध में एक करार किया था जिसके तहत देश में ही स्कोर्पिन श्रेणी की छह पनडुब्बी बनाई जानी हैं। यह चौथी पनडुब्बी है। इससे पहले तीन पनडुब्बी आईएनएस कलवारी, आईएनएस खंडेरी और आईएनएस करंज बनाई जा चुकी हैं जिनमें से कलवारी को पिछले दिसम्बर में नौसैनिक बेड़े में शामिल किया गया था।
वेला पनडुब्बी को पोनटून से अलग करने और जलावतरण के लिए मुंबई बंदरगाह लाया गया। जलावतरण के बाद इसके बंदरगाह और समुद्र में गहन परीक्षण किए जाएंगे जिसके बाद इसे नौसैनिक बेड़े में शामिल किया जाएगा।
स्कोर्पिन श्रेणी की पनडुब्बी किसी भी अत्याधुनिक पनडुब्बी की तर्ज पर विभिन्न अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है। यह पनडुब्बी रोधी होने के साथ-साथ समुद्र तल के उपर भी लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।
मझगांव शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कोमोडोर राकेश आनंद ने कहा कि गत 20 अप्रेल को पी 15 बी विध्वंसक युद्धपोत इम्फाल के जलावतरण के बाद वेला का जलावतरण शिपयार्ड के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अभी शिपयार्ड में 8 युद्धपोत और पांच पनडुब्बी बनाई जा रही हैं।