नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को दिए जाने वाले भोजन और अन्य मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में मिलने वाले खाने के दाम बढ़ा दिए हैं। लेकिन गरीब यात्रियों के लिए 20 रुपए के जनता खाने की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
रेल मंत्रालय ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि इस बदलाव से राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो एक्सप्रेस के किराये में तीन से लेकर नौ प्रतिशत तक की वृद्धि होगी जो 29 मार्च 2020 से प्रभावी होगी जबकि मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में भोजन के दामों में वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
बयान के अनुसार खाने की विविधता, शुद्धता एवं गुणवत्ता में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने मेन्यू की समीक्षा की है और भोजन के दामों में बदलाव किया है। राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में किराये की दरों में पिछली बार 2013 में बदलाव किया गया था जबकि भोजन के दाम में 2012 में परिवर्तन किया गया था।
रेलवे बोर्ड ने वास्तविक कीमत की जांच करके सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने यात्रियों को उत्तम गुणवत्ता वाले शुद्ध खाना उपलब्ध कराने के लिए हर पहलू की जांच करके कीमत निर्धारित की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर खानपान का पुनरीक्षित मेन्यू एवं कीमत अधिसूचित की गई है। इन तीनों गाड़ियों में खानपान की कीमत उसके टिकट की कीमत से जुड़ी होती है। अन्य मेल एवं एक्सप्रेस गाड़ियों में टिकट के अलावा भुगतान करने पर भोजन उपलब्ध होता है।
बयान के अनुसार यात्रियों को ट्रेनों में समोसा एवं पकौड़ों के अलावा अन्य ‘अ ला कार्टे भोजन’ नहीं मिलेगा। अब नये मेन्यू में क्षेत्रीय व्यंजन अधिक मिलेंगे। स्नैक्स भोजन में क्षेत्रीय व्यंजन दिये जाएंगे और उनका दाम 50 रुपए होगा जिसमें 350 ग्राम मात्रा होगी। व्यंजन कौन सा होगा, यह भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम तय करेगा। आईआरसीटीसी तीन प्रकार की बिरयानी (वेज, अंडा एवं चिकन) देगा जिनका दाम क्रमश: 80, 90 एवं 110 रुपए होगा।
यह भी निर्णय लिया गया है कि स्टैन्डर्ड सामिष भोजन के चिकन करी का विकल्प भी दिया जाएगा जबकि वर्तमान में स्टैंडर्ड सामिष भोजन में अंडा करी दी जाती है। इस प्रकार से स्टैडर्ड भोजन की तीन श्रेणियां हाेंगी : निरामिष भोजन, सामिष भोजन (दो अंडे की करी) और सामिष भोजन (चिकन करी)। गुणवत्ता के कठोर मानक तय किए गए हैं जिनमें सभी भोज्य पदार्थों का भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से मानकीकृत होना अनिवार्य होगा। सेवाओं की गुणवत्ता नियमित रूप से किसी तीसरे पक्ष द्वारा जांची जाएगी।